गुजरात के सूरत में शेल्टर होम का प्रबंध करने वाली ट्रस्ट पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगा है। स्थानीय पार्षद ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। आरोपों के अनुसार शहर के रांदेर के गोराट इलाके में संचालित शेल्टर होम में रहने वाले हिंदू आश्रितों को परेशान किया जा रहा है, जबकि मुस्लिमों को खास सुविधाएँ दी जा रही हैं। आश्रय गृह सूरत नगर निगम (SMC) के दायरे में आता है। लेकिन इसे चलाने की जिम्मेदारी शाहिद मसीद मेडिकल सर्वेंट सोसायटी नाम के ट्रस्ट को दी गई थी। भेदभाव समेत कई अनियमितताओं की वजह से ट्रस्ट को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
बीजेपी के पार्षद केयूर चपटवाला ने सूरत के मेयर हेमाली बोघावाला से ट्रस्ट की शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद मेयर खुद शेल्टर होम का दौरा करने पहुँचीं। शेल्टर होम में मेयर के अचानक दौरे से हड़कंप मच गया। मेयर द्वारा किए गए निरीक्षण में शेल्टर होम में कई अनियमितताएँ पाई गईं। मेयर ने जाँच के दौरान पाया कि आश्रय गृह परिसर का ठीक से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं शेल्टर होम चलाने वाले ट्रस्ट द्वारा बिजली बिलों का भी भुगतान नहीं किया गया था।
ઘરવિહોણા અને નિરાશ્રિતો માટે @OurSMC દ્વારા મારા મતવિસ્તારમાં નિર્મિત અને ખાનગી સંચાલકો સંચાલિત શેલ્ટર હોમની ફરિયાદો વિશે મેયરશ્રી @BoghawalaHemaliજી ને રજૂઆત કરતા આજરોજ તેઓ સાથે શેલ્ટર હોમની આકસ્મિક મુલાકાત લઈ અધિકારીઓને તાત્કાલિક પગલાં લેવા સૂચના આપવામાં આવી હતી. pic.twitter.com/GjvBY8X6l3
— Keyur Hemant Chapatwalaa (@chapatwalakeyur) May 9, 2023
औचक निरीक्षण के दौरान जब मेयर हेमाली बोघावाला ने शेल्टर होम में रहने वाले आश्रितों की सूची माँगी तो कर्मचारियों के हाथ-पैर फूलने लगे। ट्रस्ट ने दावा किया कि यहाँ 300 लोग रहते हैं, जबकि जाँच में सिर्फ 100 लोग ही मिले। हेमाली बोघावाला ने पार्षद की शिकायत पर की गई जाँच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद शाहिद मसीद मेडिकल सर्वेंट सोसाइटी को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए।
शाहिद मसीद मेडिकल सर्वेंट सोसायटी पिछले दो वर्षों से इस शेल्टर होम के प्रबंधन की जिम्मेदारी सँभाल रहा था। इस दौरान अनियमितताओं को लेकर कई बार संगठन को नोटिस भी भेजे जा चुके थे। कुछ दिन पहले ही शिकायत आई थी कि परिसर में एक व्यक्ति को बुरी तरह पीटा गया। पिटाई से जख्मी शख्स को इलाज के लिए सूरत के सिविल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। पार्षद केयूर चपटवाला द्वारा की गई शिकायत के अनुसार शेल्टर होम में हिंदुओं को न सिर्फ प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि उनको शेल्टर होम छोड़कर जाने के लिए बाध्य भी किया जाता है।
बता दें कि सूरत महानगर पालिका की ओर से शहर के अलग-अलग हिस्सों में गरीब और निराश्रित लोगों के लिए शेल्टर होम का निर्माण कराया गया है। इसे चलाने की जिम्मेदारी अलग-अलग संस्था व ट्रस्ट के लोगों को दी जाती है।