Thursday, March 23, 2023
Homeदेश-समाजहिंदू मंदिरों की 47000 एकड़ जमीन गायब, 36 साल में किया गया यह खेल:...

हिंदू मंदिरों की 47000 एकड़ जमीन गायब, 36 साल में किया गया यह खेल: हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से माँगा जवाब

1984-85 में मंदिरों के पास 5.25 लाख एकड़ जमीन थी। 2019-20 में इसे केवल 4.78 लाख एकड़ बताया गया। आखिर हिंदू मंदिरों की जमीन गायब कहाँ हो गई?

मद्रास हाई कोर्ट ने लॉस्ट टेम्पल्स के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए तमिलनाडु सरकार से कथित तौर पर गायब हो चुकी मंदिर की 47,000 एकड़ जमीन को लेकर स्पष्टीकरण माँगा है। 1984-85 के पॉलिसी नोट के मुताबिक यह जमीन 5.25 लाख एकड़ थी, जबकि 2019-20 के नोट में इसे केवल 4.78 लाख एकड़ बताया गया है।

मद्रास उच्च न्यायालय के जस्टिस एन किरुबाकरण और टीवी थमिलसेल्वी ने सरकारी वकील रिचर्ड विल्सन को ‘हिंदू रिलीजियस ऐंड चैरिटेबल एंडोमेंट्स डिपार्टमेंस’ की ओर से एक नोटिस को लेकर आगामी 5 जुलाई, 2021 तक इस मामले में एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। जजों ने स्पष्ट कहा कि दो पॉलिसी नोट का अध्ययन करने से ऐसा प्रतीत होता है कि 47,000 एकड़ जमीन गायब हुई है।

कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को राज्य के भीतर ऐतिहासिक/पुरातात्विक महत्व के साथ सभी संरचनाओं, स्मारकों, मंदिरों, प्राचीन वस्तुओं की पहचान करने के लिए 17 सदस्यीय विरासत आयोग का गठन करने का आदेश भी दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके पर्यवेक्षण के साथ ही मदिरों या स्मारकों की मरम्मत का आदेश भी दिया है।

खास तौर पर कोर्ट ने हर मंदिर में स्ट्राँग रूम सहित मूर्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वीडियो सर्विलांस और सभी मूर्तियों के कम्प्यूटरीकृत डेटा समेत उनकी तस्वीरों की सुरक्षा के लिए निर्देश भी दिए।

जजों ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार को वर्ष 1984-85 की पॉलिसी नोट में दिए गए जमीनों के विवरण और नए नोट के विवरण और सर्वे के साथ एक जवाबी हलफनामा दायर किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मानव संसाधन और सीई विभाग को इससे संबंधित जानकारी को जमा करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि इस बात की उम्मीद है कि इसके कब्जे की डिटेल्स उसी में होगी।

अदालत ने अंतरिम आदेश एक याचिका के आधार पर दिया है, जिससे मंदिर में पूजा और अनुष्ठान करने के अलावा संस्थानों को बनाए रखने के लिए किया जा सके।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कब तक उस बिहार की दी जाती रहेगी दुहाई जिसे आज के बिहारी ने देखा ही नहीं, यूँ ही नहीं स्थापना दिवस पर बंद...

यह बिहार के नेतृत्व की भविष्य को लेकर शून्यता ही है कि बिहार दिवस पर भी चर्चा बिहार बंद और अलग मिथिला राज्य जैसे अभियानों की रही।

हरिकथा कलाकार के सम्मान में खड़े हुए PM मोदी, लोक गायिका ने घुटने के बल बैठ प्रधानमंत्री को किया प्रणाम: पद्म सम्मान में दिखा...

प्रसिद्ध उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला सहित 9 लोगों को पद्म भूषण और 6 लोगों को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
250,675FollowersFollow
416,000SubscribersSubscribe