तेलंगाना हाईकोर्ट ने हैदराबाद में मारे गए बलात्कार आरोपितों के शवों के अंतिम संस्कार को रोक दिया है। हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा कि चारों आरोपितों के शव सोमवार (दिसंबर 9, 2019) तक सुरक्षित रखे जाएँ। उस दिन शाम 8 बजे तक इन शवों को जलाया या दफनाया नहीं जा सकेगा। कोर्ट ने इस सम्बन्ध में तेलंगाना सरकार को आदेश दिया है। अब कोर्ट द्वारा निर्धारित समय तक आरोपितों के शवों को उनके परिवार को भी नहीं सौंपा जा सकेगा। तेलंगाना के मुख्य न्यायाधीश कार्यालय को एक प्रतिवेदन मिला था, जिसमें इस एनकाउंटर को न्यायेतर हत्या बताया गया था।
इस एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताते हुए कोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है। सोमवार को इस पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चारों आरोपितों के शवों के पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी कराई जाए। उन वीडियो फुटेज को शनिवार की शाम तक कोर्ट में सब्मिट किया जाएगा। हालाँकि, शुक्रवार की शाम चारों आरोपितों के शवों की ऑटोप्सी पूरी कर ली गई थी और उसी दिन रात 10 बजे तक उन सभी का अंतिम संस्कार किया जाना था। अभी तक ये नहीं पता चला है कि ऑटोप्सी कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार हुई है या नहीं। 15 महिला एवं मानवाधिकार एक्टिविस्ट्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ये एनकाउंटर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के ख़िलाफ़ है।
इन याचिकाओं में माँग की गई है कि चारों आरोपितों के शवों की ऑटोप्सी तेलंगाना व आंध्र प्रदेश से बाहर के डॉक्टरों द्वारा कराई जाए। साथ ही फॉरेंसिक जाँच के लिए भी दोनों राज्यों के बाहर से विशेषज्ञों को बुलाने की माँग की गई है। साथ ही हाईकोर्ट से दरख्वास्त की गई है कि वो एक कमिटी बनाए, जो इस पूरे मामले की जाँच करे। शनिवार सुबह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति हैदराबाद पहुँचेगी। आयोग ने इस एनकाउंटर का स्वतः संज्ञान लिया है और कहा है कि इसकी सावधानी से जाँच करनी ज़रूरी है।
Women’s and People’s Organizations write to the Chief Justice, High Court of Telangana on the four police #Encounters in Hyderabad. Demand legal action for extra-judicial killings in cold blood, implementation of #PUCL Guidelines by SC, 2014.#hyderabadpolice#HyderabadHorror pic.twitter.com/Zds9kNP50L
— Meera Sanghamitra (@meeracomposes) December 6, 2019
बता दें कि 26 वर्षीय डॉक्टर प्रीति रेड्डी (बदला हुआ नाम) के गैंगरेप के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। मोहम्मद आरिफ और जॉली शिवा सहित 4 आरोपितों ने गैंगरेप के बाद डॉक्टर रेड्डी का नाक और मुँह दबा कर उनकी हत्या कर दी। दरिंदगी का आलम ये था कि डॉक्टर रेड्डी की लाश के साथ भी बलात्कार किया गया। इसके बाद पीड़िता के डेड बॉडी पर पेट्रोल व डीजल छिड़क कर आग लगा दी गई। पुलिस शुक्रवार की सुबह पूरे दृश्य को रीक्रिएट करने के लिए चारों आरोपितों को घटनास्थल पर लेकर गई।
वहाँ उन चारों ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। साथ ही पुलिसकर्मियों के हथियार लेकर भागने की कोशिश की। आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में चारों मारे गए। इसके बाद से ही लोगों ने हैदराबाद पुलिस की वाहवाही शुरू कर दी। हैदराबाद के क़ानून मंत्री ने इसे ‘उपरवाले का इंसाफ’ करार दिया। हालाँकि, मानवाधिकार संगठनों ने एनकाउंटर पर शक जताते हुए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और पुलिस का विरोध किया। अब मामला कोर्ट और ह्यूमन राइट्स कमीशन तक जा पहुँचा है।
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