कर्नाटक में गोवंश पर लगातार हमले हो रहे हैं। बेंगलुरु में गायों के थन काटे जाने के बाद अब मैसुरु में एक बैल पर धारदार हथियारों से कई हमले किए गए और उसकी पूँछ काट दी गई। यह बैल यहीं के प्रसिद्ध श्रीकंटेश्वरा मंदिर का था।
हमलावरों की पहचान ना होने के चलते स्थानीय हिन्दुओं में गुस्सा है। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर यहाँ के मंदिर में गोशाला ना बनाने का आरोप लगाया है, जिसके चलते गाय और बैल आवारा घूमते हैं और हमलों या फिर तस्करी का शिकार बनते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मैसुरु के नंजानगुड़ में स्थित श्रीकंटेश्वरा मंदिर के बैल पर यह हमला गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को हुआ। हमलावरों ने बैल की पूछ काट दी, उसके पैर धारदार हथियारों से घायल कर दिए। उसके शरीर पर और जगह चोटें भी आईं।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलवारों ने बैल को उठा ले जाने का प्रयास भी किया। हमले के बाद बैल के इलाज के पशुओं के डॉक्टर को बुलाया गया। मामले में पुलिस को भी सूचना दी गई। जिले के एसपी ने घटनास्थल का दौरा किया और इस मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस ने अभी अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालाँकि, हमलावर पकड़े नहीं जा सके हैं। मामले से भाजपा के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा समेत क्रोधित स्थानीय युवाओं ने प्रदर्शन किया और जल्द कार्रवाई की माँग की। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मंदिर में बड़ी संख्या में गाय और बैल हैं लेकिन उनके लिए सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं।
यह सभी गोवंश इस कंटेश्वरा मंदिर को ही दान किए जाते हैं, जो कि एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और शिव को समर्पित है। स्थानीयों ने आरोप लगाया कि मंदिर में गोशाला बनाए जाने के लिए 2 एकड़ जमीन की पहचान की थी और गोशाला बनाने के लिए फंड भी दे दिया था।
कॉन्ग्रेस सरकार में इस पर कोई काम नहीं हुआ और पशु अब छुट्टा घूमने को मजबूर हैं। बैल पर हुए हमले के बाद मंदिर प्रशासन और बाकी लोगों के बीच बातचीत हुई है। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि वह हाथियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल को गोशाला में तब्दील करेगा।
कर्नाटक में गोवंश पर यह कोई पहला हमला नहीं है। हाल ही में बेंगलुरु में एक गोपालक की गायों पर सैयद नसरू नाम के एक व्यक्ति ने हमला कर दिया था। उसने तीन गायों पर धारदार हथियार चलाया था और उनके थन काट दिए थे। भाजपा ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया था।