‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ मामले में दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिशा को एक-एक लाख रुपए के दो मुचलके पर जमानत दी गई है। दिशा रवि की जमानत को लेकर आज पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई, इसके बाद दिशा रवि को बेल देने का फैसला सुनाया गया।
इससे पहले अदालत ने उसको 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया था। बाद में दिल्ली पुलिस ने अदालत से और रिमांड की अपील की थी, जिसमें अदालत ने उसको एक दिन की रिमांड पर भेजा था। उस पर आरोप है कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी कनेक्शन में वो भी शामिल थी।
इससे पहले पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि किसानों के आंदोलन के समर्थन को लेकर तैयार की गई ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जाँच के मामले में मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के कार्यालय पहुँची। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गई। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपितों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराना है। जैकब और मुलुक सोमवार को जाँच में शामिल हुए थे। द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उनसे पूछताछ की गई।
बता दें कि दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी। पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया। दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है। इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिशा की तरफ से सबूतों को मिटाया गया है। दिशा ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है, 60 से 70 लोग Zoom मीटिंग में थे जिसमें एमओ धालीवाल शामिल था, दिशा रवि को तमाम हो रही चीजों की जानकारी थी। उनको यह पता था कि किस प्रकार लोगों को भ्रमित किया जा सकता है। दिशा ने ही टेलीग्राम के जरिए ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजा था।