नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिल गई है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी। वहीं खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने किसानों से इस रैली के दौरान भिंडरावाले और बेअंत सिंह का पोस्टर लहराने की अपील की है।
पाठक ने बताया कि किसानों को सुरक्षा इंतजामों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी गई। गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच यह रैली निकलेगी। रैली टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगी।
From Tikri border, it will go to Nagloi & pass through Najafgarh & Western Peripheral Expressway. From Ghazipur border, the rally will go to 56-foot road & return to its originating point passing through Kundli-Ghaziabad-Palwal Expressway: Spl CP, Intelligence, Delhi Police(2/2) https://t.co/j4t6lWCxkE pic.twitter.com/U8TN2E4Sy3
— ANI (@ANI) January 24, 2021
इस बीच खबर आ रही है कि खालिस्तानी समर्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने किसानों से आग्रह किया है कि वे 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जरनैल सिंह भिंडरावाले और इंदिरा गाँधी के हत्यारे बेअंत सिंह की विशाल तस्वीर का प्रदर्शन करें।
बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या 31 अक्टूबर, 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास में कर दी गई थी। दो सिख अंगरक्षकों, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। ऐसा ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए किया गया था। यह ऑपरेशन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छुपे सिख कट्टरपंथी जरनैल भिंडरावाले और उसके सशस्त्र अनुयायियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया था। इंदिरा गाँधी की हत्या के तुरंत बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़के उठे। इन दंगों में हज़ारों लोगों की जान गई थी।
पिछले दिनों किसानों के प्रदर्शन स्थल से एक ऐसी वीडियो सामने आई थी, जिससे इसमें खालिस्तानी ताकतों की घुसपैठ के संकेत मिले थे। इस वीडियो में एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे।
गणतंत्र दिवस पर कई देश विरोधी संगठन किसानों की ट्रैक्टर परेड की आड़ में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में हैं। यही नहीं कुछ कट्टरपंथी संगठनों के लोग भीड़ का फायदा उठाकर खालिस्तान आंदोलन की मुहिम को भी हवा दे रहे हैं। इस बात की तस्दीक सिंघु बार्डर पर लहरा रहे खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाला व आतंकी जगतार सिंह हवारा के फोटो कर रहे हैं।
सिंघु बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचोंबीच लगे जरनैल सिंह भिंडरावाला के पोस्टर चीख-चीख कर कह रहे हैं कि किसान आंदोलन पर अब खालिस्तान समर्थकों ने कब्जा कर लिया है। गणतंत्र दिवस पर परेड निकालने के लिए गाँवों के रास्ते शुक्रवार को दिल्ली पहुँचे ट्रैक्टर-ट्रालियों पर भिंडरावाला के पोस्टर लगाए गए थे।
इससे पहले खालिस्तानियों ने ऐलान किया था दिया कि 26 जनवरी 2021 को जो कोई भी खालिस्तान का झंडा इंडिया गेट पर लहराएगा, उसे $2.5 लाख से नवाजा जाएगा। किसानों को यह कहकर भी लालच दिया गया कि जो कोई भी ऐसा करेगा उसे कानूनी सहायता दी जाएगी और यूके में बतौर शरणार्थी रहने का प्रबंध भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रोटेस्ट के 15वें दिन एक ऐसी तस्वीर सामने आई थी जिसने साबित कर दिया था कि पूरे आंदोलन को वामपंथियों-खालिस्तानियों ने हाइजैक कर लिया है। तस्वीर में नजर आया था कि किसान महिलाएँ हाथ में उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे कट्टरपंथियों और अर्बन नक्सलियों की रिहाई माँग रही थी। पोस्टर के सभी चेहरे वही थे जो सीएए/एनआरसी के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहे थे। लोगों ने ये देख कर पूछा था कि क्या ये लोग भी अब किसान बन गए हैं।