मोदी सरकार ने मध्यमवर्ग को खुश करने वाला बजट पेश किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स में छूट की सीमा (Tax Exemption Limit को बढ़ाने की घोषणा की है। पहले यह सीमा 2.50 लाख रुपए थी, जिसे बढ़ा कर 3 लाख रुपए कर दिया गया है। मतलब अब सालाना 3 लाख रुपए कमाने वाले को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा। दूसरी ओर सरकार ने टैक्स रीबेट सीमा (Tax Rebate Limit) को 5 लाख से बढ़ा कर 7 लाख कर दिया है।
इसका मतलब है कि सालाना 7 लाख रुपए तक कमाने वालों पर जो टैक्स बनेगा, उसे सरकार माफ़ कर देगी। आसान भाषा में कहें तो अगर आप सालाना 7 लाख रुपए तक कमाते हैं तो आपको सरकार को कोई टैक्स नहीं देना होगा। मध्यमवर्गीय लोग काफी दिनों से टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने की माँग कर रहे थे। पहले सालाना 5 लाख रुपए तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होता था।
Major announcements in personal Income Tax to substantially benefit the middle class
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2023
Persons with income up to rs. 7 lakh will not pay income tax in the new tax regime
Tax exemption limit increased to rs. 3 lakhhttps://t.co/OjHY5MXOmr #AmritKaalBudget #UnionBudget2023 pic.twitter.com/2SpnLKMYcn
वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब्स की संख्या को भी घटाने की घोषणा की है। अब छह टैक्स स्लैब को घटाकर पाँच कर दिया गया है। हालाँकि, यहाँ समझने वाली बात यह है कि मध्यमवर्गीय परिवार को यह राहत केवल नई टैक्स प्रणाली के तहत ही मिलेगा। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इसके साथ ही पुरानी टैक्स व्यवस्था के स्थान पर नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट करने का ऐलान किया है।
सैलेरी के हिसाब से समझें बचत का गणित #Budget2023 #incometax pic.twitter.com/vTDcvsauZ1
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) February 1, 2023
वहीं इसे आसान भाषा में समझें तो सालाना 8 लाख रुपए तक कमाने वाले को पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 65 हजार टैक्स देना पड़ता था, वहीं अब 35 हजार रुपए टैक्स के रूप में देना होगा। पुरानी व्यवस्था के तहत 9 लाख रुपए तक कमाने वालों को पहले 85,800 रुपए टैक्स के रुप में देने पड़ते थे, वहीं अब मात्र 40,800 रुपए देने होंगे। इस स्लैब के लोगों को सीधे-सीधे सालाना 45,000 रुपए तक का फायदा होगा। इसी तरह सालाना 20 लाख रुपए तक कमाने वालों को इस नई टैक्स व्यवस्था से लाभ होगा।