इस्लामी धर्मान्तरण रैकेट की जाँच कर रही उत्तर प्रदेश ATS ने गुरुवार (7 अक्टूबर 2021) को बड़ी कार्रवाई करते हुए मौलाना कलीम सिद्दीकी के सहयोगी सरफराज अली जाफरी को गिरफ्तार किया। उसे अमरोहा जिले से गिरफ्तार किया गया। वह भारत के ‘सबसे बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट’ चलाने के आरोपित मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ मिलकर काम कर रहा था और 2016 से ही इसमें लिप्त था।
पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मौलवियों में से एक मौलाना कलीम सिद्दीकी को पिछले महीने ही ATS ने गिरफ्तार किया था। ATS के आईजी जीके गोस्वामी ने खुलासा किया कि मौलाना सिद्दीकी से पूछताछ के दौरान सरफराज अली जाफरी के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा, “मौलाना कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर में जाफरी काम करता था। वह रिवर्ट, रिहैब और दावा व्हाट्सएप ग्रुप का भी मेंबर था। इसी के जरिए उसके गिरोह के लोगों ने धार्मिक नफरत फैलाने के साथ ही लोगों को लालच देकर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया।”
ATS के मुताबिक, धर्म परिवर्तन के रैकेट में शामिल जाफरी जामिया नगर का रहने वाला है। वह कथित तौर पर कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर के कामकाज देखता था। इसके अलावा समाज सेवा की आड़ में लोगों का धर्मान्तरण कराने वाले नई दिल्ली स्थित ह्यूमैनिटी फॉर ऑल ऑर्गनाइजेशन को भी संचालित करता था।
विदेशों से फंडिंग
रिपोर्ट्स से यह बात सामने आई है कि ये लोग धर्मान्तरण करने वाले लोगों को काम दिलाने में मदद करने का वादा करते थे। इसके लिए जाफरी को मौलाना सिद्दीकी से फंडिंग मिलती थी। उसके सेलफोन की जाँच से पता चला है कि गैरकानूनी धर्मान्तरण की गतिविधियों के लिए उसे विदेशों से भी फंडिंग मिलती थी। अधिकारियों का कहना है कि अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपितों पर उत्तर प्रदेश धर्मान्तरण निषेध अधिनियम, 2020 और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय किए गए हैं।
मौलाना के ठिकानों पर भी हुई थी छापेमारी
मौलाना कलीम सिद्दीकी के कई ठिकानों पर उत्तर प्रदेश ATS ने पिछले दिनों छापेमारी की थी। जाँच एजेंसी ने दिल्ली में मौलाना सिद्दीकी और उसके सहयोगियों की दो आवासीय और दो व्यावसायिक संपत्तियों की तलाशी 5 अक्टूबर 2021 को ली थी। ATS द्वारा जारी एक प्रेस नोट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर की गई छापेमारी से डेस्कटॉप, टैबलेट और दस्तावेज जब्त किए गए। नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में स्थित सिद्दीकी के आवास के साथ-साथ उसके संगठनों ग्लोबल पीस सेंटर और वर्ल्ड पीस ऑर्गनाइजेशन समेत अब्दुल रहमान के घर पर छापे मारे गए थे।
गौरतलब है कि यूपी ATS ने इस साल जून में उमर गौतम और उसके सहयोगी की गिरफ्तारी करने के बाद धर्म परिवर्तन रैकेट की जाँच शुरू की थी। दोनों अपने अन्य सहयोगियों के साथ इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) नामक संगठन चला रहे थे। लोगों को शादी, नौकरी, पैसे का लालच देकर धर्मांतरण में लगे थे। इतना ही नहीं उमर गौतम पर दिव्यांग बच्चों को मानव बम बनाने का भी आरोप है। जाँच में गौतम और उसके साथियों को मिली अवैध विदेशी फंडिंग का भी खुलासा हुआ था।