उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध रूप से भारत में बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराने के मामले में 4 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस गिरोह को लेकर लंबे समय से सूचना मिल रही थी। जिसके बाद उन्होंने निगरानी रखनी शुरू की और उन्हें मेरठ में रहने वाले हाफिज शफीक नाम के व्यक्ति और उसके साथियों का पता चला। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद इन्हें कोर्ट में पेश कर अपनी रिमांड में ले लिया है। अब पूछताछ की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है, “हाफिज शफीक मेरठ में एक गिरोह चला रहा था, जो भारत में लाए गए रोहिंग्याओं के आधार, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि बनवाते थे। इन्होंने कई महिला रोहिंग्या की तस्करी कर विदेशों में भी पहुँचाया है। हाफिज शफीक सहित 4 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।”
हाफिज शफीक मेरठ में एक गिरोह चल रहा था, जो भारत में लाए गए रोहिंग्याओं के आधार, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि बनवाते थे। इन्होंने कई महिला रोहिंग्याओं की मानव तस्करी करके विदेशों में भी पहुंचाया है। हाफिज शफीक सहित 4 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है: प्रशांत कुमार ADG (कानून व्यवस्था) UP pic.twitter.com/rBCTrYeZqb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2021
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार हुए चारों आरोपितों की पहचान हाफिज शफीक, अजीजुर्रहमान, मुफीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्माइल के तौर पर हुई है। इनमें से अजीरुर्रहमान और मुफीजुर्रहमान म्यांमार के रखाइन प्रांत के हैं। हफीज, म्यांमार के मुशीदम का निवासी है और इस्माइल म्यांमार के टमरू का रहने वाला है। ये लोग अभी मेरठ के अलीपुर में रहते थे।
18 जून को हफीज और मुफीजुर्रहमान को मेरठ के अलीगढ़ से पकड़ा गया। वहीं अजीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्माइल को बुलंदशहर के खुर्जा से एटीएस टीम ने गिरफ्तार किया। इन सभी पर आरोप है कि ये रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत की सीमा में अवैध रूप से लाते थे। बाद में उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर उन्हें संस्थानों में नौकरी दिलाते थे। साथ ही उनकी आमदनी के बड़े हिस्से को बतौर वसूली लेते थे।
पुलिस का कहना है कि ये गिरोह भारत में जिन लोगों की एंट्री करवाता था उनमें से कई विभिन्न प्रकार की आपराधिक एवं देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। पड़ताल में पता चला है कि इन लोगों ने न केवल घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेज बनवाए, बल्कि उनके लिए बाहर की विदेश यात्राएँ भी करवाई। इसके अलावा ये लोग रोहिंग्या महिलाओं की तस्करी में भी शामिल थे। इसके लिए इन्हीं फर्जी दस्तावेजों को प्रयोग में लाया जाता था।
पुलिस ने इनके पास से 3 आधार कार्ड, 3 मोबाइल फोन, बर्मा का 1 पहचान पत्र, एक फर्जी आधार, 2 पासपोर्ट की फोटोकॉपी, 1 लैपटॉप, 1 पेनड्राइव, कुछ विदेशी मुद्रा और अन्य रोहिंग्या प्रवासियों के लिए बनवाए गए भारतीय पासपोर्टों में वोटर आईडी व भारतीय जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए है। चारों आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद इन्हें कोर्ट में पेश करके रिमांड में भेज दिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि इनके साथ और कौन-कौन इस काम में संलिप्त हैं।