भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर प्रयागराज में फैलाई गई हिंसा के मास्टरमाइंड में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) की छात्रा रही और शाहीन बाग घटना के मास्टरमाइंड शारजील इमाम (Sharjeel Imam) की सहयोगी जेएनयू (JNU) छात्रा आफरीन फातिमा (Afreen Fatima) के अब्बू भी शामिल हैं। प्रयागराज हिंसा का वह मुख्य आरोपित है।
प्रयाग पुलिस ने आफरीन फातिमा सहित उसके अब्बू जावेद मोहम्मद उर्फ पम्प (Javed Mohammad Alias Pump), उसकी बीवी और छोटी बेटी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। आरोपी के मोबाइल में हिंसा से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुबूत मिले हैं। इसके बाद आरोपित के घर को गिरा रही है। जावेद वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया का प्रदेश महासचिव है और CAA-NRC के विरोध प्रदर्शनों के दौरान शाहीन बाग में शामिल रहा था।
वहीं, जावेद के मकान को तोड़ने की नोटिस जारी करते हुए प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने कहा, आपका मकान उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 के प्रावधानों के विरुद्ध अनधिकृत रूप से निर्मित किया गया है। इस संबंध में 10 मई 2022 को आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और 24 मई को सुनवाई के दौरान ना ही आप और ना ही आपका अधिवक्ता उपस्थित हुआ और ना ही कोई दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।”
नोटिस में आगे कहा गया है, “इसको ध्यान में रखते हुए 25 मई 2022 को भवन ध्वस्तीकरण के लिए आदेश पारित किया गया। इस संबंध में नोटिस लगा दी गई है। आप भवन को ध्वस्त कर 9 जून 2022 तक सूचित करें, अन्यथा 12 जून 2022 को प्रात: 11 बजे भवन को खाली करें, ताकि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सके।”
इस घटना के बाद AMU के पूर्व छात्रों की एक संस्था AMU को-ऑर्डिनेशन कमिटी और कट्टरपंथी समर्थक आफरीन फातिमा और उसके अब्बू के पक्ष में खुलकर खड़े हो गए हैं। इसको लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने एक पत्र जारी किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि यूपी पुलिस जानबूझकर फातिमा के परिवार को परेशान कर रही है। बता दें कि AMU प्रशासन इसे यूनिवर्सिटी से किसी तरह जुड़े होने की बात पहले ही खारिज कर चुका है।
पत्र में कहा गया है, “AMU के वीमेन कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन की पूर्व अध्यक्ष आफरीन फातिमा और उनके परिवार को यूपी पुलिस ने टारगेट करते हुए आधी रात को हिरासत में ले लिया। हमें पता चला है कि उनके अब्बू, अम्मी और छोटी बहन को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है और अन्य लोगों को घर खाली करने के लिए बाध्य किया गया है।”
AMU ने इसे मानवाधिकार का हनन बताते आगे लिखा, आफरीन फातिमा एक सक्रिय छात्र नेता हैं, जो मुस्लिमों के मुद्दे को उठाती रही हैं। हमारा मानना है कि हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के विरोधी रूख के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। हम AMU के लोग आफरीन और उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।”
अशरफ हुसैन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “छात्र नेता आफरीन फ़ातिमा के घर पर प्रयागराज प्रशासन बुलडोजर चलाने जा रहा है, 11 बजे तक घर खाली करने का वक़्त दिया गया है, आफरीन के माता पिता और बहन घंटों पहले डिटेन किये जा चुके हैं, सोचिए एक अकेली लड़की इस वक़्त किस मानसिक तनाव से गुज़र रही होगी…”
कौन है आफरीन फातिमा
आफरीन फातिमा AMU वीमेन कॉलेज स्टूडेंट यूनियन की पूर्व अध्यक्ष और JNU की छात्रसंघ की काउंसलर है। वह शाहीन बाग साजिश के मास्टरमाइंड शरजील इमामल की करीबी है। आफरीन फातिमा ने आतंकवादी अफजल गुरु (Afzal Guru) को ‘निर्दोष’ बताते हुए एक ट्वीट किया था। अफजल 2001 के संसद हमले के दोषी का और उसे फाँसी की सजा दी गई थी।
कश्मीर और नक्सलियों में जिहाद के समर्थन के लिए बदनाम वामपंथी प्रचारक पत्रकार अरुंधति रॉय द्वारा लिखे गए 15 जनवरी 2020 के कारवां पत्रिका में प्रकाशित एक लेख को साझा करते हुए आफरीन फातिमा ने ट्विटर पर अफजल गुरु के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की था। उसने ट्विटर पर लिखा था, “फिर से आना, बार-बार। फैसला को बार-बार पढ़ें। कभी नहीं भूलेंगे।”
आफरीन फातिमा JNU की वही छात्र नेता है, जिसने सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जहर उगला था। उसने राम मंदिर और आतंकवादी अफजल गुरु की फाँसी जैसे महत्वपूर्ण फैसलों पर संदेह जताकर देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था की अखंडता को चुनौती दी थी। फातिमा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
25 जनवरी 2020 को यूजर @knewschannel द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए 45 सेकेंड के एक वीडियो में फातिमा ने भीड़ को भड़काने की कोशिश की थी। CAA और NRC का विरोध करते हुए उसने कहा था कि उसने महसूस किया है कि न तो सरकार और न ही सुप्रीम कोर्ट उनके (मुस्लिमों के) भरोसा के लायक है। फातिमा ने कहा कि था आतंकवादी अफजल गुरु ‘निर्दोष’ था और संसद पर हमले में उसका हाथ नहीं था।
JNUSU की काउंसलर फातिमा ने शरजील इमाम के पक्ष में मुखरता बोला था। यह वही शरजील है, जिसने उत्तर-पूर्व भारत को देश के बाकी हिस्सों से काटने का आह्वान किया था। छात्र संघ ने शरजील की गिरफ्तारी की निंदा की थी और इसे ‘इस्लामोफोबिया’ का मामला करार दिया था। फातिमा ने दावा किया कि बीजेपी मुस्लिमों को ‘अपराधी’ बनाना चाहती है।