Thursday, November 28, 2024
Homeदेश-समाजउपहार अग्निकांड में 24 साल बाद सजा: कोर्ट ने अंसल बंधुओं को सुनाई 7-7...

उपहार अग्निकांड में 24 साल बाद सजा: कोर्ट ने अंसल बंधुओं को सुनाई 7-7 साल कैद, ₹2.25 करोड़ का जुर्माना

जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ''मैंने रात-रातभर इस पर विचार किया और मुझे लगा कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए।'' वहीं, इस मामले से जुड़े अन्य दो आरोपितों हरस्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मृत्यु हो चुकी है।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 साल बाद सोमवार (8 नवंबर 2021) को उपहार सिनेमा अग्निकांड के सबूत मिटाने के आरोप में सुशील और गोपाल अंसल को सात साल की जेल की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 2.25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की अदालत ने इस मामले में कोर्ट के पूर्व कर्मियों दिनेश चंद शर्मा, पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन तीनों पर 3-3 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ”मैंने रात-रातभर इस पर विचार किया और मुझे लगा कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए।” वहीं, इस मामले से जुड़े अन्य दो आरोपितों हरस्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मृत्यु हो चुकी है।

दरअसल, उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) ने 24 साल पहले साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा देने की माँग की थी। मालूम हो कि 13 जून 1997 को बॉलीवुड फिल्म ‘बॉर्डर’ की रिलीज के दौरान दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमाघर में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी।

इस मामले में सुनील अंसल और गोपाल अंसल समेत अन्य दो दोषियों को पहले ही आईपीसी की धारा 409 (आपराधिक उल्लंघन), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया था, लेकिन अब दोनों भाइयों पर 2.5-2.5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

गौरतलब है कि जाँच में खुलासा किया गया था कि सिनेमा हॉल में अतिरिक्त सीटें लगाकर आने जाने का रास्ता संकरा कर दिया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं द्वारा याचिकाकर्ताओं को धमकाने और कोर्ट स्टाफ से सांठगांठ कर कोर्ट की फाइलों से छेड़छाड़ की गई। फाइलों से पन्ने फाड़कर गायब कर दिए गए।

बता दें कि इस भयावह त्रासदी में कुल 28 परिवार के लोगों ने अपनों को गँवाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह केस सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने 15 नवंबर 1997 को कुल 16 लोगों को आरोपित बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें उपहार के मालिकों गोपाल अंसल और सुशील अंसल भी शामिल थे। कोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अजमेर में जहाँ आज दरगाह, वहाँ कभी शिव मंदिर में हर सुबह महादेव का अभिषेक करते थे ब्राह्मण दंपती… किताब में लिखकर गए हैं...

अजमेऱ शरीफ के शिव मंदिर होने के मामले की सुनवाई कोर्ट करेगा। इसके लिए केंद्र, ASI और दरगाह कमिटी को नोटिस भेजा गया है।

जिस मस्जिद को मुगल आक्रांता औरंगजेब ने केशवदेव मंदिर को तोड़कर बनवाया, वह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े एक और मामले में बना...

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित मुकदमा संख्या-3 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को पक्षकार बनने की अनुमति दे दी।
- विज्ञापन -