उत्तरप्रदेश के हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक गाँव में सामूहिक दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता पर रविवार को एसिड अटैक हुआ। हमले का आरोप रेप आरोपितों में से एक के परिजनों पर है। बताया जा रहा है आरोपित पक्ष की ओर से बहुत दिन से पीड़िता के घरवालों पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा था। मगर, जब वे नहीं माने, तो उन लोगों ने घर में घुसकर लड़की पर तेजाब से हमला कर दिया। हमले का विरोध करने पर पीड़िता के माता-पिता व भाई से भी इस दौरान मारपीट हुई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने पीड़िता और उसके घायल परिजनों को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहाँ अब उनका इलाज जारी है।
जानकारी के अनुसार, दुष्कर्म मामले में 7 फरवरी को न्यायालय में पीड़िता का बयान दर्ज होना है। इसके कारण रेप आरोपितों में से एक के घरवाले समझौता चाहते थे। मगर, जब लड़की के घरवाले नहीं राजी हुए, तब उन्होंने ये कदम उठाया।
पीड़िता के पिता के मुताबिक 16 जुलाई, 2019 को उनकी नाबालिग बेटी के साथ गाँव के 2 युवकों ने घर में घुसकर दुष्कर्म किया था। दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन जेल सिर्फ़ एक ही गया। जेल जाने वाले आरोपित का नाम दिलशाद है। इस मामले में उस समय पुलिस दूसरे आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। जिसके कारण दूसरे आरोपित के घरवाले लगातार पीड़ित पक्ष पर फैसले का दबाव बना रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि दिलशाद के परिजन पर भी केस वापस लेने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव डाल रहे थे।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार की सुबह आरोपित पक्ष के 8-10 लोग अवैध हथियार लेकर पीड़ित पक्ष के घर में घुस आए और हमला बोल दिया। मारपीट में दुष्कर्म पीड़िता की माँ, भाई और पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद आरोपितों ने दुष्कर्म पीड़िता के ऊपर तेजाब फेंक दिया। तेजाब पीड़िता के पैरों पर गिरा, जिससे उसका एक पैर बुरी तरह से झुलस गया। इसी बीच शोर की आवाज सुनकर वहाँ लोग इकट्ठा होने लगे, जिन्हें देखकर सभी आरोपित फरार हो गए।
बाद में पुलिस को इस मामले मे सूचित किया गया। एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा व सीओ सिटी राजेश कुमार भी मौके पर पहुँचे। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से सभी साक्ष्य जुटाए। अधिकारियों ने अस्पताल पहुँचकर पीड़िता से बातचीत कर उसका हाल जाना और घटना से संबंधित उनका बयान लिया।
पुलिस के अनुसार, घटना से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जाँच की जा रही है। जाँच में दोषी मिलने पर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से पीड़िता के घर पर पुलिस को तैनात किया गया है। किसी भी हाल में पीड़िता व उसके स्वजन की सुरक्षा को लेकर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।