कोरोना वायरस के कहर के बीच हजारों लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी है। कई बच्चे अनाथ हुए, जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। ऐसे बच्चों की मदद के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आगे आई है। सीएम योगी ने शनिवार को घोषणा की कि ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत राज्य सरकार महामारी के कारण अनाथ बच्चों के लिए अभिभावक या केयर टेकर का काम करेगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसको लेकर ऐलान किया है कि जिन बच्चों ने महामारी के कारण अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक दोनों को खो दिया है, उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए @UPGovt ने ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा’ योजना को लागू करने का निर्णय लिया है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) May 29, 2021
इसके अलावा जिन बच्चों के घरों में इकलौता कमाने वाला शख्स महामारी के कारण नहीं रहा, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।
‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा’ योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने कोविड संक्रमण के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो।
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योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार अभिभावक या केयर टेकर के जरिए हर बच्चे को 4,000 रुपए प्रति माह देगी।
‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अंतर्गत Guardian/Care Taker को @UPGovt द्वारा अनाथ बच्चों की देखभाल हेतु ₹4,000 प्रति माह, प्रति बच्चे की दर से वित्तीय सहायता दी जाएगी।
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सीएम ऑफिस ने जानकारी दी है कि 10 साल से कम उम्र के जिन बच्चों के अभिभावक या केयर टेकर नहीं होंगे, उन्हें भारत सरकार की सहायता से राज्य सरकार चिल्ड्रेंस होम में शरण देगी। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश में 0-10 साल के बच्चों के लिए मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर समेत पाँच राजकीय बाल गृह हैं।
प्रदेश में वर्तमान में 0 से 10 वर्ष की आयु हेतु 5 राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं, जिनमें मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर शामिल हैं।
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इसके अलावा नाबालिग लड़कियों की देखरेख और उनकी पढ़ाई-लिखाई भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गाँधी स्कूलों में या राज्य सरकार द्वारा संचालित 18 अटल आवासीय विद्यालयों में से एक में की जाएगी। यहीं नहीं प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुई लड़कियों की शादी के लिए भी 1,01,000 रुपए भी देगी। इसके अलावा, सरकार स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट और लैपटॉप भी देगी।
अवयस्क बच्चियों की देखभाल व उनकी पढाई-लिखाई हेतु भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा @UPGovt द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में अथवा प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।
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पीएम केयर्स फंड से होगी बच्चों की मदद
कोरोना वायरस के चलते माता-पिता या अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए शनिवार (29 मई 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि ऐसे सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि ऐसे शोक संतप्त बच्चों को 18 साल का होने के पर पीएम केयर्स फंड से अगले पाँच वर्षों के लिए हर महीने वजीफा दिया जाएगा। इसके अलावा, 23 साल की उम्र में उन्हें 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा।