Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज100 दिन में 50 हजार, 6 महीने में 1 लाख: बेघर पशुओं को ऐसे...

100 दिन में 50 हजार, 6 महीने में 1 लाख: बेघर पशुओं को ऐसे आश्रय देगी योगी सरकार, 65000 हेक्टेयर जमीन चारे के लिए

अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने काफी सोच-विचार कर यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि बेघर पशुओं को बाड़े में बंद करने की जगह प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे खुले में घूम सकेंगे।

अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के एक महीने बाद ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बेघर पशुओं के आश्रय की दिशा में काम शुरू कर दिया है। बेघर पशुओं की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार एक योजना लाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सरकार बनने पर इस समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया था।

बताया जा रहा है कि यूपी सरकार अगले 6 महीने के अंदर बेघर पशुओं के लिए बने शेल्टर होम्स की संख्या एक लाख तक पहुँचाने की योजना पर काम कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना में 50000 बेघर पशुओं के लिए 100 दिनों के भीतर शेल्‍टर की व्यवस्था कारण शामिल है। आने छह महीने में इसे 1 लाख तक बढ़ाया जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने काफी सोच-विचार कर यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि बेघर पशुओं को बाड़े में बंद करने की जगह प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे खुले में घूम सकेंगे। ऐसी 50 गौशालाओं का निर्माण राज्य सरकार कराएगी। इसके लिए प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट को 15 अप्रैल से प्रति दिन कम से कम 10 बेघर गायों के लिए शेल्‍टर सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया गया है। राज्य सरकार 65,000 हेक्टेयर भूमि इन पशुओं के चारागाह के लिए मुहैया कराएगी।

सरकार के एजेंडे में अगला कदम बायोगैस संयंत्र स्थापित करना है। गाय के गोबर का इस्तेमाल करके सीएनजी बनाना, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए किसानों से गाय का गोबर खरीदा जाएगा। पीएम मोदी ने किसानों से यह भी वादा किया था, जब उनकी गायें दूध देना बंद कर देंगी तो किसान उनके गोबर से भी आय अर्जित कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने बताया कि इस काम में शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे आश्रय स्थल उन जगहों के आसपास विकसित करने की योजना है जहाँ अधिक से अधिक भूमि हो। वनों की उपलब्धता हो। इन जगहों पर जरूरत पड़ने पर जल स्रोतों का विकास किया जाएगा। साथ ही बाड़ लगाने और चारे के भंडारण की व्यवस्था भी की जाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -