अब जब देश में कई राज्यों की सरकारें ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के खिलाफ कानून बना रही हैं, तो जाहिर सी बात है कि ऐसी घटनाओं के कम होने की उम्मीद है। इसी बीच उत्तराखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहाँ एक पढ़ी-लिखी महिला, जिसे कानून, संविधान और आईपीसी-सीआरपीसी का पूरा ज्ञान है, वो भी इस ‘लव जिहाद’ का शिकार हो गईं। अधिवक्ता ज्योति बिश्नोई की शादी 2009 में अब्बास सिद्दीकी से हुई थी।
‘पहाड़ टीवी’ के पत्रकार अमित गोदियाल ने पीड़िता से बात कर के जाना कि उनके साथ क्या हुआ था। ज्योति ने बताया कि अब्बास ने शादी के समय उन्हें विश्वास दिलाया था कि वो जैसे चाहें, वैसे रह सकती हैं। इसके बाद वो ज्योति को लेकर पठानकोट चला गया। ज्योति को इस्लामी धर्मांतरण भी नहीं करना पड़ा। ज्योति ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद अब्बास उन पर जामज पढ़ने और इस्लाम के हिसाब से खाने-पीने का दबाव बनाने लगा।
शादी के 1 वर्ष बाद दोनों की बेटी हुई। ज्योति ने बताया कि उसी दौरान उन्हें पता लगा कि अब्बास ने एक और शादी (वो भी हिंदू नाम की लड़की से ही) की हुई है, जो उसने उनसे छिपाया। इसके बाद ज्योति उसे छोड़ कर मायके आ गई। पीछे से अब्बास के परिवार वाले भी पहुँचे। ज्योति ने बताया कि उन्होंने अब्बास को छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन उसके परिवार वालों ने किसी तरह मान-मनव्वल कर के उन्हें साथ रहने के लिए मना लिया।
बाद में दूसरी बेटी भी हुई। ज्योति ने बताया कि अब्बास और उसके परिवार वालों ने फिर से लड़ाई-झगड़े शुरू कर दिए। उनकी बेटियों पर इस्लाम के हिसाब से रहन-सहन के लिए पाबंदियाँ लगाई जाने लगीं। जब ज्योति ने कहा कि उनकी बेटियाँ पूजा भी करेंगी, तो हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें फेंक दी गईं। ज्योति बताती हैं कि दो बेटियाँ होने के बाद उन्हें इसीलिए प्रताड़ित किया जाने लगा कि बेटा क्यों नहीं हुआ?
ज्योति बिश्नोई ने बताया कि वो अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि अब्बास सिद्दीकी ने उनका हाथ तक तोड़ किया। कभी वो उन्हें लेकर वैष्णो देवी भी गया था, लेकिन अब बच्चियों को भी उसने अपने वश में कर रखा है। ज्योति ने कहा कि अगस्त 2020 में उन्हें घर से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि अब्बास सिद्दीकी जेल में है और उसका पहले से ही आपराधिक इतिहास रहा है।
ज्योति बिश्नोई का पूछना है कि उनकी बच्चियाँ अपने अब्बा से मिलने जेल जा सकती हैं, आखिर क्या कारण है कि वो अपनी माँ से मिलने नहीं आती? उन्होंने कहा कि प्रशासन भी उन्हें ये साबित करने को कहता है कि वो उन बच्चियों की माँ हैं। उन्होंने कहा कि अब्बास उनकी बच्चियों को धमकाता है कि अगर वो उनसे मिलीं तो वो जहर खा लेगा। ज्योति ने कहा कि जब कानून को जानने वाली लड़की के साथ ऐसा हो सकता है, तो सोचिए कि उसका कैसा ब्रेनवॉश हुआ होगा! ज्योति ने बताया:
“मेरी बेटी के पैरों में समस्या थी और उसका इलाज चल रहा था। मेरी मज़बूरी थी कि मैं इसके लिए अब्बास सिद्दीकी पर निर्भर थी, नहीं तो मेरी बेटी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाती। आप 10 वर्ष पहले की ज्योति और अब मुझे देखेंगे तो अंतर साफ़ नजर आएगा। अब्बास ने अब मुझे निशाँ नाम दे दिया है। मुझे प्रशासन ने भरोसा दिया कि मुझे अपनी बच्चियों से मिलवाया जाएगा। बच्चों को CWC के पास भेजा गया, जहाँ उनकी काउंसिलिंग हुई। लेकिन, बच्चों को मुझे नहीं सौंपा गया। जब अब्बा जेल में है और बच्चों के दोनों चाचा नशेड़ी हैं, ऐसे में उन्हें कौन संभालेगा? अब्बास अब तीसरी शादी भी करने जा रहा है। उसके पीछे बहुत सारे लोग हैं, मेरे साथ कोई नहीं है।”
एक पढ़ी लिखी वकील महिला जो स्वयं लव जिहाद की शिकार हुई है
— Gopal Goswami (@gopugoswami) December 15, 2020
उसके मुख से आपबीती सुनिए, जागिए और जगाइए। पार्ट २ pic.twitter.com/iQcf5F80xW
ज्योति बिश्नोई की मुख्य चिंता इस बात को लेकर है कि उनकी बच्चियों को गलत परवरिश देकर उनके दिमाग में गलत बातें भरी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चियों को बताया जाता है कि देखो, तुम्हारी माँ कितने लोगों को लेकर आ रही है। उनका चरित्र-हनन भी किया जाता है। ‘हिन्दू जागरण मंच’ के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश आनंद इस मामले में पीड़िता की मदद करने में लगे हुए हैं।
‘पहाड़ टीवी’ के अमित गोदियाल ने उनसे भी बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि हिन्दू समाज की बच्ची को धोखा देकर ले जाया गया और फिर सड़क पर छोड़ दिया गया। हिन्दू कार्यकर्ताओं ने न्याय के लिए 3 दिनों का धरना भी दिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन इसे पति-पत्नी का झगड़ा मान कर काउंसिलिंग में लग गया। अंत में अब मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने नेता याकूब सिद्दीकी पर प्रशासन को बरगलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि अब्बास सिद्दीकी पुलिसकर्मियों से मारपीट के आरोप में जेल में है। उन्होंने कहा कि CWC से जुड़ा एक वकील भी है, जो कॉन्ग्रेस से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन भी कॉन्ग्रेस के दबाव में है, क्योंकि कॉन्ग्रेस पार्टी चाहती ही नहीं है कि इस मामले में न्याय मिले। उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना होना तो जाएँगे, लेकिन ज्योति को न्याय दिला कर रहेंगे।
बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड के एक आदेश को लेकर बवाल हुआ था, जिसमें बताया गया था कि अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहित दम्पति को प्रोत्साहन स्वरूप 50,000 रुपए प्रदान किए जाते हैं। बाद में न सिर्फ आदेश जारी करने वाले पर कार्रवाई की गई, बल्कि इस पुराने कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। आक्रोशित लोगों ने पूछा था कि पूछा कि ‘लव जिहाद’ करने वाले को सजा की जगह 50,000 का सरकारी इनाम दिया जा रहा है?