उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में 26 साल पहले हुआ बलात्कार का मामला चर्चा में आया है। एक महिला ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि साल 1994 में उसके साथ बलात्कार हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया। अब वही बच्चा बड़ा हो गया है और अपने पिता का नाम जान उन्हें सजा दिलवाना चाहता है।
घटना के समय पीड़िता कथित तौर पर 12 साल की थी। दूसरे समुदाय के नकी खान ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना वाले दिन वह शाहजहाँपुर स्थित अपने बहन-बहनोई के घर अकेली थी। तभी, नकी खान घर में घुसा और उसको दबोच कर बलात्कार किया। इस घटना के दो दिन बाद उसके भाई गुड्डू ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया।
अब पीड़िता ने 4 मार्च को कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज करवाया है। 6 मार्च को वो अपना बयान भी दे चुकी है। पुलिस का कहना है कि डीएनए जाँच करवाकर मामले की तह तक जाया जाएगा।
पीड़िता के अनुसार, दुष्कर्म के बाद आरोपितों ने उसे धमकी दी थी कि वह किसी को कुछ न बताए। मगर, जब वह गर्भवती हुई तो सबको ये बात पता चल गई। वह समाज के डर से लखनऊ में जा बसी। जहाँ एक साल बाद उसने बेटे को जन्म दिया, जिसे बाद में हरदोई के किसी हिंदू दंपती ने गोद ले लिया।
दूसरी ओर, वर्ष 2000 में परिवार ने पीड़िता की शादी गाजीपुर में कर दी, लेकिन 6 साल बाद जब ससुराल वालों को घटना का पता चला तो उसे फिर अकेले छोड़ दिया गया। 2011 में एक दिन उसकी जिंदगी फिर तब पलटी जब हरदोई वाले परिवार ने उसे उसके बेटे के बारे में बताया।
पीड़िता पहले उससे अपनी पहचान छिपा-छिपा कर मिली, लेकिन कुछ समय बाद उसने सच्चाई बता दी। हकीकत जान कर लड़का लखनऊ में ही रहने लगा। माँ की आपबीती सुन उसने आरोपितों को सजा दिलाने की ठानी और कहा कि अगर आरोपितों को सजा नहीं मिली तो वह आत्महत्या कर लेगा।
इसी के बाद शनिवार को महिला सदर थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल से मिली। जहाँ विवेचक मंगल सिंह ने महिला कॉन्सटेबल की मौजूदगी में बयान दर्ज कराया। दैनिक जागरण के अनुसार प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल का कहना है कि बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट में अब डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। फिर संबंधित सभी लोगों को नोटिस जारी होंगे। उसी आधार पर आगे कार्रवाई बढ़ेगी।