बांग्ला ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार अली ने हिंदू मंदिर की जमीन पर एक अस्थायी घर बनाया और इसे अपनी ‘पैतृक संपत्ति’ घोषित कर दिया।
जब शिव चंडी मंदिर की एक महिला भक्त ने अवैध अतिक्रमण का विरोध किया, तो अली और उसके आदमियों ने उस पर हमला कर दिया। पीड़िता की पहचान चंदना राहुत के रूप में हुई है।
मंदिर प्रशासन की शिकायत के बाद उपजिला निरबाही अधिकारी (यूएनओ) रूबैया खानम और थाना प्रभारी रफीकुल इस्लाम ने घटनास्थल का दौरा किया और अब्दुल अली को अवैध अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।
खानम ने शिव चंडी मंदिर समिति से कहा कि वह विश्राम गृह को हटा दे, जो मंदिर ने अपनी जमीन पर बनाया है। खानम के मुताबिक ये जमीन विवादित है और मामला कोर्ट में है।
इस बीच अब्दुल अली ने दावा किया, “मेरे पिता ने यह जमीन खरीदी थी। लेकिन दस्तावेजों में यह मंदिर के नाम पर दर्ज है। मैंने दस्तावेज सही कराने के लिए केस दर्ज कराया है।”
शिव चंडी मंदिर समिति के अध्यक्ष दीपक साहा ने उनके दावों को खारिज करते हुए कहा, “प्रवेश द्वार के पश्चिम की ओर 600 एकड़ जमीन मंदिर के नाम पर दर्ज है। हाल ही में हमने श्रद्धालुओं के लिए इस जमीन पर विश्राम गृह बनाया था। लेकिन शनिवार को उसने (अब्दुल अली ने) हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया और यहाँ घर बना लिया।”