इंटरनेशनल क्रिकेट से कुछ समय पहले ही रिटायर हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार मामला उनके हिंदी भाषा को लेकर दिए गए बयान का है। चेन्नई के एक प्राइवेट कॉलेज में गुरुवार (9 जनवरी 2025) को ग्रेजुएशन समारोह के दौरान अश्विन ने छात्रों से बातचीत में कहा, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, बल्कि यह सिर्फ एक आधिकारिक भाषा है।”
यह बयान तब आया जब अश्विन ने छात्रों से पूछा कि क्या कोई हिंदी में सवाल पूछने का इच्छुक है। छात्रों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद अश्विन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिंदी, राष्ट्रीय भाषा नहीं है।
#Watch | தமிழுக்கு அதிர்ந்த அரங்கம்.. இந்திக்கு SILENT.. "இந்தி தேசிய மொழி இல்ல".. பதிவு செய்த அஸ்வின்!
— Sun News (@sunnewstamil) January 9, 2025
சென்னையில் உள்ள தனியார் பொறியியல் கல்லூரியில் நடைபெற்ற பட்டமளிப்பு விழாவில் மாஸ் காட்டிய கிரிக்கெட் வீரர் அஸ்வின்#SunNews | #Chennai | #Ashwin | @ashwinravi99 pic.twitter.com/TeWPzWAExQ
अश्विन का यह बयान 9 जनवरी को आया, जबकि 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में हिंदी को लेकर लंबे समय से विरोध होता रहा है। अश्विन के बयान को इसी से जोड़कर देखा जा सकता है।
बता दें कि भारतीय संविधान में हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। अश्विन का यह बयान हिंदी समर्थकों के बीच बहस का विषय बन गया है।