करवा चौथ को हर महिला के लिए अनिवार्य करने की माँग करने वाली एक जनहित याचिका हाल में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में खारिज कर दी गई। इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश शील नागु और न्यायमूर्ति सुमीत गोयल की खंडपीठ ने खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ₹1,000 का जुर्माना लगाया और इसे चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के गरीब रोगी कल्याण कोष में जमा करने का निर्देश दिया।
Punjab and Haryana High Court slaps ₹1,000 costs on PIL to make Karwa Chauth compulsory
— Bar and Bench (@barandbench) January 25, 2025
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जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता नरेंद्र कुमार मल्होत्रा ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि कुछ वर्गों की महिलाओं, विशेष रूप से विधवाओं, को करवा चौथ मनाने की अनुमति नहीं दी जाती। ये व्रत सभी वर्ग की महिलाओं – चाहे वे विधवा हों, तलाकशुदा हों, अलग रह रही हों या लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही हों—को इस त्योहार में भाग लेने की अनुमति और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
इसी याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह विषय विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है और न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं है।