Thursday, April 25, 2024
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ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव हैं बलात्कारी: इस्लामिक सेंटर के प्रवक्ता ने हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ उगला ज़हर

ख़ास बात यह है कि इस आयोजन पर वहाँ के किसी अखबार ने खबर छापने की कोशिश नहीं कि कहीं इस्लामियों को किसी तरह का दु:ख न पहुँच जाए। जिससे यह सवाल उठता है कि जब भारत की साख और लोकतंत्र में निहित तत्वों को इस्लामवादियों द्वारा रौंदा जा रहा था तो भारतीय राजनयिक वहाँ बैठकर क्या कर रहे हैं।

जहाँ एक तरफ कनाडा में चुने हुए नेतागण पीछे की तरफ झुकते हुए अपनी ‘इस्लामोफोबिया विरोधी’ सोच को प्रस्तुत करने में ज़ोर-शोर से लगे हुए थे, टोरंटो में स्थित इस्लामिक सेंटर ‘हिन्दफोबिया’ के आरोपों का सामना कर रहा था। ये आरोप कनाडा में रहने वाले उन हिन्दुओं की तरफ से लगाए गए जो आमतौर पर राजनीति में रूचि नहीं रखते। उनका गुस्सा नूर कल्चरल सेंटर पर फूट रहा था, जिसके द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का शीर्षक कुछ इस प्रकार था: “भारत में मुस्लिमों और दलितों का उत्पीड़न”। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही दिनों बाद भारत में आम चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे ज़ोर-शोर से चुनाव में उतर चुके हैं।

अगर इस कार्यक्रम में भारतीय राजनीतिक विचारधारा के सभी पक्षों के वक्ताओं को बुलाया जाता तो शायद लोगों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का शायद ही कोई आधार होता लेकिन इसमें जो भी वक्ता शामिल हुए थे, पीएम मोदी के प्रति उनका द्वेषभाव किसी से छिपा नहीं था। इस विवाद ने तब विकराल रूप धारण कर लिया जब एक के बाद एक कई इमेल्स लीक हुए। ये सारे ईमेल नूर सेंटर के खदीजा कांजी द्वारा टोरंटो के इंटर-फेथ परिषद को भेजे गए थे।

ईमेल में नाइजीरियाई बोको हरम द्वारा लड़कियों के अपहरण और बलात्कार करने की प्रथा की चर्चा करते हुए कांजी ने अरब आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम द्वारा भारत पर इस्लामी हमले का बचाव करता दिखा। वही कासिम, जिसने हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया और हज़ारों लोगों को अरब में दास के रूप में बेच दिया। कांजी ने इन लीक हुए इमेल्स में दावा किया कि यह “उस समय के मानकों के अनुरूप था।” अपने तर्क को साबित करने के लिए कांजी ने लिखा:

“सभ्यतागत मान्यताओं में बहुत से ऐसे बड़े लोग हैं जो हिंसा या अपराध में लिप्त हैं, जैसे- [हिंदू] देवताओं से ब्रह्मा, शिव और विष्णु (जिन्होंने अनसूया का बलात्कार किया था) और कई अन्य लोगों के अलावा क्रिस्टोफर कोलंबस, रिचर्ड लायनहार्ट।”

मैंने जब मिसेज कांजी से उनके इस घृणित बयान के बारे में पूछा तो जवाब मिला कि उन्होंने चर्चाओं के सन्दर्भ में हिन्दू देवताओं का उदाहरण दिया था। एक अलग ईमेल भेजकर उन्होंने मुझे अपने तर्कों को समझाते हुए लिखा:

“हिन्दू धर्म के बारे में इस तरह से बात करना ठीक नहीं है। जैसे हिन्दुओं में आप एक दो ऐतिहासिक या धार्मिक कहानी या किदार उठाकर पूरे समाज को नहीं लपेट सकते, ऐसे ही मुस्लिमों को लेकर भी किया जाना चाहिए।”

सोशल मीडिया पर हिन्दू हैरान थे। रागिनी शर्मा (यॉर्क विश्वविद्यालय से पीएचडी) नूर सेंटर इवेंट के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रही थीं। इसे हिंदूफोबिक के रूप में लेबल करते हुए शर्मा ने मुझे बताया:

“इस ईमेल में भारत, हिंदुओं और हिन्दू धर्म के प्रति खदिजा ने जो घृणा व्यक्त की है, उससे मैं काफ़ी स्तब्ध और आहात हूँ। अगर घृणा से भरे उनके इस बयान की छानबीन करें तो पता चलता है कि यह एक गहरे पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा:

‘बलात्कारियों के संदर्भ में ब्रह्मा,शिव और विष्णु का उल्लेख करना हिंदुओं को गहरा दु:ख देना है। कंजी ने दर्शाया है कि उन्होंने इस्लामी चश्मे को पहनकर हिंदु धर्म की पौराणिक कथाओं को समझने के दौरान हिन्दुत्व को पूर्ण रूप से नकारा है’।

शर्मा ने माँग की है कि नूर केंद्र को टोरंटो में रह रहे भारतीयों और हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस पर ग़ौर करेंगे, कनाडा जैसे बहुसांस्कृतिक समाज में नफ़रत फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं हैं।

इसके अलावा विध्या धर जिन्होंने सन् 1990 में अपने बचपन में कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार देखा है। उन्होंने भी इस वाकये पर गहरा दु:ख जताया है। बतौर हिंदू, मुझे यह पढ़कर बहुत हैरानी हुई कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव ब्रह्मंड को संचालित करने वाली त्रिदेव की शक्तियाँ हैं। हमारे भगवान को क्रिस्टोफर कोलंबस से तुलना करना लेखक की हिन्दुओं के प्रति घृणा दिखाता है।

आयोजन में बातचीत के दौरान, मुस्लिम प्रवक्ता सनोबर उमर ने ‘हिंदू अधिकारों’ पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी श्वेत अतिवादियों के समकक्ष हैं। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी पत्नी को छोड़ने के लिए उन्हें जेल भेजने की माँग की।

इस्लामिक केंद्र के बाहर, कनाडा में रह रहे कुछ हिंदु अपने हाथ में हिंदूफोबिया और भारत उन्मादी गतिविधियों को कनाडा से खत्म करने के लिए तख्तियाँ लिए खड़े हैं।

खास बात यह है कि इस आयोजन पर वहाँ के किसी अखबार ने खबर छापने की कोशिश नहीं कि कहीं इस्लामियों को किसी तरह का दु:ख न पहुँच जाए। जिससे यह सवाल उठता है कि जब भारत की साख और लोकतंत्र में निहित तत्वों को इस्लामवादियों द्वारा रौंदा जा रहा था तो भारतीय राजनयिक वहाँ बैठकर क्या कर रहे हैं।

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Tarek Fatah
Tarek Fatahhttps://tarekfatah.net/
Author, Columnist, Fellow at the Middle East Forum. An Indian born in Pakistan, but a citizen of Canada, the most civilized place on earth.

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