Monday, December 23, 2024
Homeविचारराजनैतिक मुद्देशेर, लोमड़ी और भेड़िए में सत्ता संघर्ष... बुरी मौत मरा लोमड़ी: महाराष्ट्र में आज...

शेर, लोमड़ी और भेड़िए में सत्ता संघर्ष… बुरी मौत मरा लोमड़ी: महाराष्ट्र में आज की कहानी

बुरे लोग शक्तिशाली ना हों, इसके लिए अच्छे लोगों को हर संभव प्रयत्न करने ही चाहिए। महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा मानकर जिन्हें समर्थन दिया था, वो अगर छल पर आमादा हों, तो उनसे उन्हीं के तरीकों से निपटना आवश्यक है।

जंगल में सूखा पड़ा था और खाने की कमी होने लगी। शाकाहारी पशु मरने लगे या पलायन कर गए तो शेर, भेड़िये और लोमड़ी को भी खाना मिलना मुश्किल होने लगा। आखिर लोमड़ी ने शेर और भेड़िये के साथ मिलकर बैठक की। तय हुआ कि पूरा एक जानवर तो तीनों में से कोई खाता नहीं, इसलिए अगर तीनों मिलकर शिकार करें, और उसे आपस में बाँट ले तो भी काम चल सकता है। चुनांचे लोमड़ी ने शिकार के लिए हिरणों के झुण्ड की खबर ली, भेड़िये ने एक तरफ से झुण्ड को खदेड़ा और घात लगाए शेर ने झपट्टा मारकर एक हिरण को मार गिराया।

अब बारी थी शिकार के बँटवारे की तो शेर ने लोमड़ी से कहा कि वो बँटवारा कर दे। लोमड़ी शेर से बोली आप सरदार हो, इसलिए सिर आपका। भेड़िये ने दौड़ लगाई इसलिए टाँग भेड़िये की, और जो धड़ बचा उससे मैं गुजारा कर लूँ! शेर को लोमड़ी की चालाकी भाँपते देर नहीं लगी। उसने पंजा उठाया और धर दिया लोमड़ी पर। बस लोमड़ी भी साफ़! एक के बदले अब दो-दो शिकार मौजूद थे। अब शेर बोला चलो भेड़िये अब तुम बँटवारा करो। भेड़िया लोमड़ी की हालत देख चुका था, बोला आप सरदार हो इसलिए सिर भी आपका, शिकार पर छलाँग आपने मारी इसलिए टाँग भी आपकी, और आपकी वजह से हमारा पेट पलता है, इसलिए धड़ भी आपका! जो बची खुची लोमड़ी है हुजूर उससे मैं काम चलाता हूँ!

महाराष्ट्र चुनावों के बाद शिवसेना भी काफी हद तक लोमड़ी वाला बँटवारा करती ही नजर आ रही थी। मेरा ख्याल है कि उसे नतीजे भी वैसे ही झेलने पड़े हैं। 1978 में कॉन्ग्रेस पार्टी की वसंतदादा की सरकार से अलग होकर शरद पवार ने कॉन्ग्रेस तोड़ सोशलिस्ट कॉन्ग्रेस बना ली थी। कॉन्ग्रेस की सरकार गिरा दी और खुद सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए थे। उनके भतीजे अजित पवार ने वही कड़वी दवा शरद पवार को पिला दी है। राजनैतिक तौर पर देखें तो यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ जो नहीं होता, या नहीं होना चाहिए। हाँ, इसके बाद भी नैतिकता के ऊँचे पायदान पर जा चढ़े बुद्धिपिशाच कहेंगे कि ये सही नहीं।

ऐसे लोगों को कभी कभी फ़िल्में देखनी चाहिए। कुछ वर्षों पहले आई एक अंग्रेजी फिल्म “हल्क” को वैसे तो वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ कल्पनाशीलता मिलाकर बनी मार-धाड़ से भरपूर फिल्म कहा जा सकता है, लेकिन उसमें सीखने का काफी कुछ और भी है। फिल्म का नायक और खलनायक दोनों बिलकुल करीबी सम्बन्धी होते हैं लेकिन उनके चरित्र में बड़ा अंतर था। नायक जहाँ गलती से एक दवा के प्रयोग के कारण अत्यंत शक्तिशाली बन जाता है, वहीं खलनायक शक्ति पाने और उसके उपभोग के लालच में ही उस दवा के पीछे पड़ा होता है। शक्ति बढ़ते ही नायक के भले स्वभाव में वृद्धि होती है, तो दूसरी तरफ खलनायक की विनाश की क्षमता भी उतनी ही तेजी से बढ़ जाती है।

शक्ति और सत्ता के साथ हमेशा से ऐसा होता आया है। बुरे लोगों की नुकसान करने की क्षमता, शक्ति पाते ही कई गुना बढ़ जाती है। हाल ही में राजस्थान से हिन्दू शरणार्थियों को भगाए जाने के प्रयासों को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रोका है। बहुसंख्यक समुदाय के नुकसान की मंशा अगर महाराष्ट्र जैसे धनी राज्य की शक्ति के साथ आए तो परिणाम कैसे भयावह होते? एक व्यक्ति के तौर पर या दल के तौर पर लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे, इस निजी स्वार्थ के लिए जनता का हित ठुकराया जाना चाहिए क्या? व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के लिए कई बार राजाओं को वीरगति तो मिली, लेकिन उनके मारे जाने पर प्रजा को अतातायियों के कैसे जुल्म झेलने पड़े ये भारतीय इतिहास के हर पन्ने पर लिखा है।

ये बिलकुल उचित है कि सत्ता और शक्ति जैसे साधनों को दुष्टों से यथासंभव दूर रखा जाए। बुरे लोग शक्तिशाली ना हों, इसके लिए अच्छे लोगों को हर संभव प्रयत्न करने ही चाहिए। महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा मानकर जिन्हें समर्थन दिया था, वो अगर छल पर आमादा हों, तो उनसे उन्हीं के तरीकों से निपटना आवश्यक है। महाराष्ट्र की नई सरकार को जनादेश का सम्मान करने के लिए हर प्रयास करने का साधुवाद दिया जाना चाहिए!

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Anand Kumar
Anand Kumarhttp://www.baklol.co
Tread cautiously, here sentiments may get hurt!

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

संभल में जहाँ मिली 3 मंजिला बावड़ी, वह कभी हिंदू बहुल इलाका था: रानी की पोती आई सामने, बताया- हमारा बचपन यहीं बीता, बदायूँ...

संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई जारी है। इसे बिलारी के राजा के नाना ने बनवाया था। राजकुमारी शिप्रा ने बताया यहाँ की कहानी।

अब इस्लामी कानून से ब्रिटेन को हाँक रहे मुस्लिम, चल रहे 85 शरिया कोर्ट: 4 बीवी की रवायत को बढ़ावा, ग्रूमिंग गैंग के आतंक...

इंग्लैंड में वर्तमान में 85 ऐसी शरिया अदालतें चल रही हैं। मुस्लिमों के मसलों से निपटने के लिए बनाई गई यह शरिया अदालतें पूरे इंग्लैंड में फैली हुई हैं।
- विज्ञापन -