Thursday, April 25, 2024
Homeविचारमीडिया हलचल'मिनी पाकिस्तान' मेवात में बजरंग दल की शांतिपूर्ण रैली से मुस्लिमों में 'डर': 'लोनी...

‘मिनी पाकिस्तान’ मेवात में बजरंग दल की शांतिपूर्ण रैली से मुस्लिमों में ‘डर’: ‘लोनी लिंचिंग’ में झूठ फैलाने वाला केरल का इस्लामी मीडिया का प्रोपेगेंडा

मकतूब एक मीडिया पोर्टल है, जो केरल से संचालित होता है। हिंदुओं के खिलाफ दुष्प्रचार करने और छोटी-छोटी घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने के लिए यह कुख्यात है। उत्तर प्रदेश की लोनी की घटना में भी इस मीडिया पोर्टल ने इसी तरह का झूठ फैलाने की कोशिश की थी।

इस्लामिक संगठन मकतूब मीडिया के मल्टीमीडिया पत्रकार मीर फैसल ने 24 दिसंबर को ट्विटर पर मेवात में बजरंग दल की रैली के बारे में कई वीडियो पोस्ट किया और कहा कि इसके जरिए क्षेत्र के हिंदू और मुस्लिम के बीच ‘सांप्रदायिक विभाजन’ पैदा करने की कोशिश की जा रही है। वीडियो के बाद उन्होंने मकतूब मीडिया का एक आर्टिकल साझा किया, जिसमें कहा गया है कि मेवात के मुस्लिम हिंदू संगठनों के भय में जी रहे हैं। बता दें कि मेवात ‘मिनी पाकिस्तान’ के रूप में कुख्यात है और यहाँ हिंदू महिलाओं का अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्मांतरण और जिहादी हिंसा के कारण हिंदू समुदाय पलायन अथवा डर के साये में धर्मांतरण करने को विवश हैं।

मीर फैसल ने अपने ट्विटर थ्रेड में कहा कि 12 दिसंबर को बजरंग दल के सदस्य जीत वशिष्ठ ने मेवात के मुस्लिम बहुल इलाके नूँह की एक भगवा रैली का वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया था। मीर का कहना है कि मुस्लिम घरों के सामने जय श्रीराम के नारे लगाए गए। रैली में 500 से अधिक कारों में ‘हिंदुत्व समर्थक’ थे और वे मेवात का भगवाकरण आए थे।

मकतूब मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 500 ​​से अधिक कारों में बजरंग दल के सदस्य हरियाणा के मेवात जिले के नूँह के सिंगार गाँव में घुसे। जीत द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में उन्होंने कहा, “हम सिंगार गाँव में हैं, जहाँ भगवान कृष्ण ने श्रृंगार किया था और हमारे भाईचारे कारण एक विशेष समुदाय (मुसलमान) की आबादी इतनी विशाल हो गई।”

वहीं, मकतूब मीडिया ने डर फैलाते हुए दावा किया कि मेवात के मुसलमान डर में जी रहे हैं, जबकि वीडियो में जीत कहते हैं कि मेवात में जाने को लेकर धमकी भरे मैसेज मिल रहे थे। उन्होंने कहा, “हम उतने कमजोर नहीं हैं, जितना आप (मुसलमान) सोचते हैं। हम आपके मैसेज और टिप्पणियों से नहीं डरते।”

मकतूब मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में हरियाणा पुलिस पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि जब रैली हिंदू मंदिर से आगे बढ़ी तो वहाँ खड़ी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। रिपोर्ट में दावा किया गया कि उन्होंने पुलिस से रैली के लिए अनुमति के बारे में पूछा तो पुलिस ने कहा, “इस रैली के बारे में सभी जानकारी मुख्य पुलिस मुख्यालय में दर्ज है। आप वहाँ से और जानकारी ले सकते हैं।”

उसी रिपोर्ट मे मकतूब मीडिया ने इस भगवा रैली के बारे में दावा किया है कि ‘स्थानीय मुसलमानों में डर बढ़ रहा है’। मुस्तफा नाम के एक ग्रामीण के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे मुसलमानों का ‘दिल दुखता है’, लेकिन वे ‘इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते’। उसी ग्रामीण का हवाला देते हुए रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की, क्योंकि वे जानते थे कि ‘कुछ नहीं होगा’, क्योंकि ‘पुलिस उन लोगों के साथ है और हमारे साथ नहीं। कोई हमारी नहीं सुनता, न पुलिस और न ही सरकार’।

मुस्तफा ने अंतरधार्मिक विवाह के एक मामले के बारे में भी बात की। गाँव के ही एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा एक हिंदू लड़की से शादी को लेकर कहा, “तब से कुछ लोगों का मकसद सिर्फ हमारे खिलाफ हिंसा करना है।” मकतूब मीडिया हाफिज नाम के एक अन्य व्यक्ति का हवाला देते हुए कहा कि ‘हिंदुत्व मानसिकता के लोग’ ‘मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की कोशिश कर रहे हैं’।

मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के दावों को निम्नलिखित बिंदुओं में रखा सकता है:

1. भगवा रैली शांतिपूर्ण नहीं थी और इसने मुस्लिमों के दिल में डर पैदा किया
2. बजरंग दल की रैली को आवश्यक अनुमति नहीं मिली थी। हालाँकि, रिपोर्ट में कहा गया ‘सूचना पुलिस स्टेशन में उपलब्ध है’ से स्पष्ट है कि अनुमति ली गई थी।
3. उनका आरोप है कि पुलिस बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को किसी तरह बचा रही थी, क्योंकि वह ‘चुपचाप सड़क पर खड़ी थी’।
4. यह रैली एफआईआर दर्ज कराने लायक थी, लेकिन स्थानीय लोग ‘डर’ रहे थे और पुलिस ‘मिली हुई’ थी।

हालाँकि, उपरोक्त सारे तथ्य गलत हैं। ऑपइंडिया ने हरियाणा पुलिस से जब संपर्क किया तो बताया गया कि नूँह में हिंदुओं की रैली के लिए सभी आवश्यक अनुमति ली गई थी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि रैली पूरी तरह से शांतिपूर्ण थी और इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।

इसके अलावा मकतूब मीडिया ने बेहद शातिर तरीके से कहा कि रैली को लेकर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, लेकिन जब रैली के लिए अनुमति ली गई थी और रैली शांतिपूर्ण थी तो प्राथमिकी क्यों दर्ज की जानी चाहिए, इसको लेकर रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है। दरअसल, रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि वे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ ‘मुस्लिम बहुल क्षेत्र’ में जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए प्राथमिकी चाहते हैं। मकतूब मीडिया के अनुसार, जय श्रीराम कहने से मुस्लिम हिंसक हो सकते हैं, जिसका दोष बजरंग दल पर जाता है।

अब जानने की कोशिश करते हैं कि कौन है मकतूब मीडिया। मकतूब एक मीडिया पोर्टल है, जो केरल से संचालित होता है। हिंदुओं के खिलाफ दुष्प्रचार करने और छोटी-छोटी घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने के लिए यह कुख्यात है। उत्तर प्रदेश की लोनी की घटना में भी इस मीडिया पोर्टल ने इसी तरह का झूठ फैलाने की कोशिश की थी।

लोनी की घटना में ‘पीड़ित’ अब्दुल समद सैफी को उसके परिचित लोगों ने पीटा था, क्योंकि उसने जो ताबीज उन लोगों को दिया था, वह सही ढंग से काम नहीं किया था। इस मामले में आरोपी परवेज गुर्जर, आदिल और कल्लू को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन यूपी पुलिस के स्पष्टीकरण के बावजूद इस्लामी वेबसाइट मकतूब आरोपी मुस्लिम युवकों को निर्दोष बताता रहा और प्रोपेगेेंडा फैलाता रहा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

मोहम्मद जुबैर को ‘जेहादी’ कहने वाले व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने दी क्लीनचिट, कोर्ट को बताया- पूछताछ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला

मोहम्मद जुबैर को 'जेहादी' कहने वाले जगदीश कुमार को दिल्ली पुलिस ने क्लीनचिट देते हुए कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe