इजरायल के तेल अवीव एयरपोर्ट के बाहर एक समूह जोश से भरा है, युवा नाच गा रहे हैं, क्योंकि विदेशों में रह रहे उनके अपने घर लौट रहे हैं। इस्लामी आतंकी संगठन हमास से लड़ने के लिए। देशभक्ति का जज्बा लिए। ये जज्बा उस देश के लोग दिखा रहे हैं, जिनकी गर्भवती महिलाओं के आंतकियों ने पेट फाड़ डाले हैं। छोटे-छोटे बच्चों को जलाकर मार डाला, उन्हें गोलियाँ से भून डाला। जिनकी युवतियों का उनके दोस्तों की लाशों के सामने बलात्कार किया है। लाशों की नग्न परेड निकाल कर उस पर थूका गया।
महज एक तेल अवीव का एयरपोर्ट ही इजरायलियों के देश के लिए लड़ने के जज्बे का इकलौता उदाहरण नहीं है। यहाँ युद्ध के भयानक माहौल के बीच बंकर से एक युवा सैनिक गीत गाता है तो सेना के कैंप पर ही एक सैनिक अपनी शादी का जश्न मना लेता है। इस देश की वतनपरस्ती का जज्बा ही है, जो इसे सबसे अनोखा और अलग बनाता है। इसी वजह से चारों तरफ से यहूदियों को खत्म करने वाले दुश्मनों से घिरे होने के बाद इसका वजूद बचा हुआ है।
मुश्किल घड़ी में देश का साथ कैसे दिया जाता है? देशभक्ति क्या होती है? ये भारत के इस्लामिक और वामपंथी कट्टरपंथियों को इजरायल से सीखना चाहिए। हमास के खिलाफ यूँ ही नहीं इस देश को दुनिया भर का समर्थन मिल रहा है। इस देश की खूबसूरती ही यही है कि मुसीबत के वक्त इस देश का हर एक बाशिंदा मुल्क से प्यार करने वाला एक सैनिक है, उसके सिवाय कुछ नहीं।
हमारे देश भारत में तो उसी की जमीं पर रहकर उसी के पानी और अन्न पर पलकर अक्सर लोग भारत के खिलाफ खड़े होने से बाज नहीं आते। यही नहीं, ऐसे लोग दुनिया के मंच पर देश को कोसने और गरियाने से भी गुरेज नहीं करते। ऐसे में युद्ध और लगातार हमलों से जूझ रहे इजरायलियों का जज्बा सच में काबिलेतारीफ है। यही वजह है कि हिंसा और मौत के तांडव के बीच वहाँ बेबसी, आँसू की जगह बंकरों से देशभक्ति के तराने गूँज रहे हैं।
इजरायली दुनिया भर के मुल्कों से अपने देश में हमास के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए वापस आ रहे हैं। वो युद्ध के खतरे के बीच अपने देश से भागकर दूसरे देश में शरण लेने नहीं जा रहे हैं। इस तरह के एक नहीं बल्कि अनगिनत वाकये इस वक्त इजरायल को लेकर दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
दूसरी तरफ अपने देश भारत की बात करें तो हमें पीछे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शुक्रवार (13 अक्टूबर 2023, जुमे का दिन) की ही बात ले लें। देश में कश्मीर, हैदराबाद, कोलकता, कर्नाटक, चेन्नई से लेकर यूपी तक में इजरायल मुर्दाबाद के नारे गूँजने लगे। ये तब है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के लिए अपना समर्थन जता चुके हैं।
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को फोन कर उन्हें ताजा हालात की जानकारी दी थी और फिर से पीएम मोदी ने उन्हें भारत के समर्थन के लिए निश्चिंत रहने का वादा किया था। यही नहीं देश की अहम विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस ने अपनी कार्यसमिति की बैठक फिलिस्तीन के पक्ष में प्रस्ताव पास कर डाला।
देश की खुफिया एजेंसी को शायद शुक्रवार को होने वाले बबाल को लेकर पहले से ही आशंका थी। यही वजह रही कि दिल्ली एनसीआर और दूसरे राज्यों में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दिन खास एहतियात बरतने के लिए कहा गया था। दिल्ली में इस्राइली दूतावास और अधिकारियों के आवास के बाहर और नई दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में यहूदियों के धार्मिक स्थल ‘चबाड हाउस’ पर भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम थे।
अपने देश के वामपंथी और कट्टरपंथी अमर जवान ज्योति पर तोड़फोड़ करने वालों के पक्ष में खड़े दिखते हैं। साल 2012 में मुंबई के आजाद मैदान में दो दंगाई मुस्लिम युवकों ने अमर जवान ज्योति स्मारक में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने इसे तोड़ने के आरोपी अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया था। वामपंथियों का हमेशा झंडा बुलंद करने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर इस घटना को झूठा बताने पर खासी ट्रोल हुई थी। गलती मानकर आखिर उन्होंने ये ट्वीट डिलीट किया था, लेकिन ये भी सच्चाई है कि हमारे देश में लोग आतंकियों के पक्ष में अपने ‘मियाँ भाइयों’ के लिए एक हो जाते हैं।
इसके उलट भारत में राजस्थान का पुष्कर हो, हिमाचल का ‘मिनी इजरायल’ कसोल हो या फिर मैक्लोडगंज का गाँव धर्मकोट… इजरायल से यहाँ घुमने आए युवा सहित अन्य उम्र के एबी, इदान और अमद जैसे सैकड़ों पर्यटक अपने देश लौट रहे हैं। इजरायली युवा अमद का कहना है कि वो सीधे 15 अक्टूबर को इजरायल पहुँचते ही जंग के मैदान में जाएगा।
भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से युवा इजरायली सेना में शामिल होने और बुराई से लड़ने के लिए देश लौट रहे हैं। युद्ध में जब लोग लोग सुरक्षित ठिकाना ढूँढते हैं, तब विदेशों का सुरक्षित ठिकाना छोड़कर इज़रायल वापस लौटने वालों का सैलाब राजधानी तेल अवीव के एयरपोर्ट पर उमड़ पड़ा है। इसमें अच्छी खासी संख्या में नौजवान हैं।
#WATCH | Israel: Israelis dance, sing & celebrate at the arrival gate of Tel Aviv airport as they welcome Israeli citizens and soldiers. pic.twitter.com/X3oMHvKE6Q
— ANI (@ANI) October 12, 2023
ये नजारा समझने के लिए काफी है कि इस छोटे से देश का वजूद कैसे कायम है और दुनिया इसके समर्थन में हमास के खिलाफ लड़ाई में क्यों साथ दे रही है। इनके स्वागत में एयरपोर्ट पर इजरायल के लोग भी पलके बिछाएँ बैठे हैं। गाने, डाँस से इनका स्वागत और हौसलाअफजाई की जा रही है।
इजरायलियों की देशभक्ति का ये जज्बा न रंग, न जाति, न लिंग और न ही किसी उम्र का मोहताज है। सब एक सुर में गा रहे हैं – “जीत हमारी है हमास।” फिर भले ही वो महिलाएँ ही क्यों न हो। इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने युद्ध के मोर्चे पर डटी अपनी महिला जाबाँजों की तस्वीरे साझा की हैं।
उम्र महज एक नंबर है और ये साबित करने वाले इस देश के सबसे उम्रदराज रिजर्विस्ट 95 साल के एजरा याचिन हमास के खिलाफ चल रही मौजूदा जंग में सैनिकों से बात कर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।
He may be a wedding singer, but right now he’s defending the Jewish People.
— Rabbi Shmuel Reichman (@ReichmanShmuel) October 12, 2023
And he’s bringing his meolodies with him.
That’s the nature of the Jewish spirit:
In the darkest of times, we always find the light.
And that’s because there is nothing as powerful as being part of… pic.twitter.com/5RfgjzKUap
वहीं बंकर में गाने वाला इजरायली युवा शालोमो भले ही शादियों में गाने वाले हों, लेकिन यहूदियों के बचाव में वो आगे आए। उनका जोश यहूदियों के अंधेरे में रोशनी ढूँढने की कोशिश को दिखाता है। उनकी यही भावना है, जो शायद उन्हें बाँधे हुए हैं। वो गाते हैं – “यहूदियों का हौसला कभी नहीं टूटेगा।”
This couple was supposed to celebrate their wedding in Israel, but instead, the Israel Defense Force deployed the man to defend his country.
— Hananya Naftali (@HananyaNaftali) October 13, 2023
So instead, they held the wedding in the base. pic.twitter.com/2uW2MeQrvi
ऐसे ही एक जोड़े को अपनी शादी का जश्न इज़रायल में मनाना था, लेकिन इसके बजाय, आईडीएफ ने उसे देश की रक्षा के लिए तैनात कर दिया। बगैर किसी मलाल के उनकी शादी आर्मी बेस कैंप में गोलियों और बमों की आवाजों के बीच हुई।
नेवे नगार जैसे सैनिक भी हैं, जिनकी 11 अक्टूबर को शादी होने वाली थी, लेकिन वो अपनी शादी रोक कर अपनी मंगेतर को बताकर युद्ध में जा पहुँचे। इस छूटी हुई शादी की भरपाई पैराट्रूपर रिजर्व बटालियन में उनके साथियों ने उनके सम्मान में युद्ध के बीच ही एक उत्सव आयोजित करके की। कुछ ऐसा है इजरायलियों का अपने देश के लिए एहसास और प्यार।
हनन्या नफ्ताली जो पेशे से इजरायली पत्रकार हैं, की भावनाएँ इस युद्ध को लेकर सब कुछ बयाँ करने के लिए काफी है। उनका कहना है कि इस जंग में मारे गए सभी लोगों के लिए दिल में दर्द और आँसू लिए उन्होंने हथियार उठाए हैं। उनके अनुसार वो सब अपने घर के लिए लड़ रहे हैं और इजरायल ही जितेगा, इसके अलावा दूसरी कोई सोच ही नहीं।
दुनिया इजरायलियों के अपने मुल्क से इश्क के इस जज्बे की कायल हो रही है। यही वजह है कि यूनाइटेड किंगडम के विदेश सचिव जेम्सक्लीवरली इज़राइल के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इज़राइल पहुँचे। यहाँ पहुँच उन्होंने कहा:
“आज मैंने लाखों लोगों के रोज अनुभव किए जाने वाले अनुभव की एक झलक देखी है। हमास के रॉकेटों का खतरा हर इजरायली पुरुष, महिला और बच्चे पर मंडरा रहा है। यही वजह है कि हम इजराइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
उन्होंने एक ट्वीट किया। यह ट्वीट एक इजरायली सैनिक की भावुकता और जज्बे की कहानी है। उस सैनिक ने लिखा था कि वो अपनी माँ को बचाने के लिए हमास से लड़ाई कर रहा है। केवल जेम्सक्लीवरली ही नहीं बल्कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित फ्रांस, जर्मनी सहित कई देश इजरायल के समर्थन में उतर आए हैं।
यही वजह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल पहुँचे। नेतन्याहू से ब्लिंकन ने कहा, “हम आपके साथ हैं और कहीं नहीं जा रहे।” यही नहीं इज़राइल के समर्थन में अमेरिका के पूर्व पेशेवर मुक्केबाजी चैंपियन फ्लॉयड मेवेदर भी उतर आए हैं।
फ्लॉयड हमास के साथ चल रहे युद्ध के बीच इज़राइल को भोजन और अन्य आपूर्ति पहुँचाने के लिए अपने निजी जेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। एयर मेवेदर नाम का विमान आईडीएफ के सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट लेकर पहुँचेगा।