Sunday, October 6, 2024
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हिम्मत मत हारो, बस डटे रहो मोर्चे पर… हमास आतंकियों से लड़ने के लिए ज़ंग में उतरा 95 साल का इजरायली बुजुर्ग, बढ़ा रहे हैं सैनिकों का मनोबल

हमास समूह के कई तरह के हमले का मुकाबला करने के लिए इज़रायल ने अपनी थल सेना और वायु सेना की संयुक्त ताकत के साथ गाजा को मलबे में तब्दील करने के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कसम को पूरा करने के लिए 3 लाख रिजर्व जुटाए हैं।

उम्र महज एक नंबर है और ये साबित कर दिखाया है ‘इजरायली डिफेंस फोर्स’ (IDF) के सबसे उम्रदराज रिजर्विस्ट 95 साल के एजरा याचिन ने। यरूशलम के रहने वाले इस बुजुर्ग फाइटर को हमास के खिलाफ चल रही इजरायल की मौजूदा जंग में सैनिकों के संग बात कर के उनका मनोबल बढ़ाने के लिए रिजर्व में शामिल किया गया है।

यहाँ ये बात गौर करने वाली है कि यरूशलम के दंगों और परेशान करने वाले हादसों से भरा एक मुश्किल बचपन जीने के बावजूद उन्होंने और उनके दोस्तों ने कभी हार नहीं मानी। वो देश के लिए हमेशा सीना ताने डटे रहे और इजरायल को महान राष्ट्र बनाने में अहम योगदान दिया।

उनका एक संदेश इजरायली सेना में जोश भरने के लिए काफी है। वो कहते हैं कि हिम्मत हारो, मत अभी भी नहीं। उम्रदराज एजरा मिशन में ऐसे वक्त में शामिल हुए हैं जब इजरायल और फिलिस्तीन में यद्ध चल रहा है, हमास आतंकियों ने इजरायल में घुस कर भयंकर कत्लेआम मचाया है। अपने ‘X’ हैंडल पर पत्रकार हनन्या नफ्ताली ने उनकी तस्वीर कैप्शन के साथ पोस्ट की है।

हालाँकि, एजरा याचिन का मिशन एक सैनिक के पारंपरिक कर्तव्यों से परे है। उन्हें प्रतिकूल हालातों का सामना करने वाले रवैये, उम्मीदों और अदम्य भावना से भरी अपनी जिंदगी की अविश्वसनीय कहानी सैनिकों के बीच साझा करके उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया है, जिसने इज़रायल के इजरायल बनने में मदद की थी।

इजरायली सेना रिजर्व क्या है?

हमास समूह के कई तरह के हमले का मुकाबला करने के लिए इज़रायल ने अपनी थल सेना और वायु सेना की संयुक्त ताकत के साथ गाजा को मलबे में तब्दील करने के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कसम को पूरा करने के लिए 3 लाख रिजर्व जुटाए हैं। दरअसल इस देश में युद्ध के दौरान 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को लिंग या जातीयता की परवाह किए बगैर सेना में सेवा देना जरूरी है। वहीं पुरुषों और महिलाओं दोनों को कम से कम 24 से 32 महीने तक सेना में सेवा देना जरूरी है।

हालाँकि, इमरजेंसी के हालात वाली इस ज़रूरी सेवा में कुछ लोगों का शामिल होना कतई जरूरी नहीं है। इन अपवादों में धार्मिक महिलाएँ, शादीशुदा शख्स और मानसिक या शारीरिक विकलांगता वाले लोग आते हैं। इस ज़ंग के बीच दुनिया भर की विदेशी सरकारें यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि उनके कितने नागरिक मारे गए, लापता हैं, उन्हें मेडिकल हेल्प या घर वापसी की जरूरत हैं। इस दौरान कई देशों ने भी इस जंग को खत्म करने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने की पेशकश की है।

इस हालिया शुरू हुई जंग में पहले ही कम से कम 1800 लोग मारे जा चुके हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका हैं, क्योंकि इज़रायल ने गाजा पट्टी पर किए तेज हवाई हमलों ने फिलिस्तीनियों को संयुक्त राष्ट्र आश्रयों में भागने के लिए मजबूर कर दिया। वहीं दूसरी तरफ रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय कमेटी के एक अधिकारी के मुताबिक, उनका संगठन कैदियों तक पहुँच के लिए हमास और इजरायली अधिकारियों दोनों के संपर्क में है, लेकिन अभी तक उन तक पहुँच नहीं हो पाई है।

हमास-इजरायल युद्ध ने बुधवार (11 अक्टूबर, 2023) को पाँचवा दिन है। IDF ने कहा कि इजरायल में आतंकवादी संगठन हमास के रॉकेट और घात लगाकर किए गए हमलों मृतकों की संख्या 1000 को पार कर गई हैं। वहीं 2800 से अधिक घायल है। वहीं 50 के लापता होने या बंधक बनाए जाने की पुष्टि हुई है। IDF के मुताबिक, गाजा से अब तक 5000 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं।

उधर दूसरी तरफ गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय मुताबिक, चल रहे जवाबी हमले के तहत हवाई हमलों में 770 से अधिक फिलिस्तीनी भी मारे गए हैं। इसके साथ ही 4000 अन्य घायल हुए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक, मृतकों में 140 बच्चे और 120 महिलाएँ शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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