गाँधी परिवार के क़रीबी सैम पित्रोदा आए दिन अपनी टीका-टिप्पणियों के लिए विवादों में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने गाँधी परिवार के प्रति अपनी भक्ति दिखाते हुए राहुल गाँधी के पक्ष में बयान दिया है। अपने इस बयान के लिए उन्होंने बाक़ायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और संंवाददाताओं के सामने यह ‘ख़ुलासा’ किया कि राहुल गाँधी ‘पप्पू’ नहीं हैं, वो ‘बहुत शिक्षित और इंटेलीजेंट’ हैं।
Rahul Gandhi is not ‘pappu’, says Sam Pitroda
— ANI Digital (@ani_digital) May 5, 2019
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कॉन्फ्रेन्स में पित्रोदा ने ये भी कहा कि उन्होंने राहुल के साथ एक लंबा समय व्यतीत किया है, जिसके दम पर वो ये बात कह सकते हैं कि वो पप्पू नहीं हैं। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पित्रोदा ने पीएम मोदी को भी ख़ूब कोसा। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा राजीव गाँधी को ‘भ्रष्टाचारी नम्बर-1’ कहने पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज की। इस पर सवालिया होते हुए उन्होंने पूछा कि राहुल गाँधी के पिता राजीव गाँधी को भष्टाचार नम्बर-1 कहने के पीछे आख़िर क्या वजह थी?
ख़ुद को गुजराती बताते हुए पित्रोदा ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि उन्होंने (मोदी) राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया और केवल झूठ ही फैलाया। बीजेपी पर अपना हमलावर रुख़ क़ायम रखते हुए पित्रोदा ने नौकरी, किसानों की डबल इनकम और काले धन को भी मुद्दा बनाया।
ये बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पित्रोदा गुजरात से हैं और उन्हें वहाँ विकास के नाम पर कुछ नहीं दिखाई देता। सम्पूर्ण विश्व में गुजरात के विकास मॉडल की चर्चा है। गुजरात में विकास को आम जनता की सहभागिता से एक विस्तृत रूप दिया गया है। गुजरात की विकास यात्रा जनता को सहभागी होने के साथ ही समावेशी भी बनाती है। हाल के वर्षों में गुजरात की उल्लेखनीय सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। साथ ही बड़े वैचारिक समूहों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी गुजरात के विकास की सरहाना की है। इससे अधिक गुजरात के विकास पर जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको बता दें कि पित्रोदा इससे पहले भी कॉन्ग्रेस के प्रति अपनी भक्ति प्रमाणित कर चुके हैं, जब पुलवामा हमले के शिकार हुए भारतीय जवानों की बजाए उनका प्रेम पाकिस्तान पर ही उमड़ा था। जहाँ एक तरफ पुलवामा हमले की चौतरफा निंदा हो रही थी, वहीं पित्रोदा ने यहाँ तक कह दिया था कि इस हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी ठहराना ग़लत है।
Sam Pitroda,Indian Overseas Congress Chief on #PulwamaAttack:Don’t know much about attacks,it happens all the time,attack happened in Mumbai also,we could have then reacted and just sent our planes but that is not right approach.According to me that’s not how you deal with world. pic.twitter.com/QZ6yXSZXb2
— ANI (@ANI) March 22, 2019
इसके अलावा मुंबई हमले (26/11) पर भी उन्होंने कहा था कि मात्र 8 लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था जिसके लिए पूरे देश (पाकिस्तान) पर आरोप नहीं लगाना चाहिए।
Sam Pitroda,Indian Overseas Congress Chief: Eight people(26/11 terrorists) come and do something, you don’t jump on entire nation(Pakistan).Naive to assume that just because some people came here&attacked,every citizen of that nation is to be blamed. I don’t believe in that way. https://t.co/OZTE0san20
— ANI (@ANI) March 22, 2019
पाकिस्तान के प्रति उनका यह लगाव, उनकी सच्ची देश-भक्ति को दर्शाता है जो जगज़ाहिर है। अब वो बात अलग है कि ऐसे कितने लोग हैं जो उनकी इस देश-भक्ति को देखने में पूरी तरह से सक्षम हैं, जो यह देख सकें कि पित्रोदा का दिल किस देश के लिए सही मायनों में धड़कता है। कम से कम सोशल मीडिया पर तो इसे बड़ी ही सरलता से देखा जा सकता है।
राहुल गाँधी की ‘न्याय योजना’ को सफल बनाने के लिए भी सैम पित्रोदा ही आगे आए थे और कहा था कि मध्यम वर्ग को ज़्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहने की ज़रूरत है। क्योंकि उस टैक्स का इस्तेमाल न्याय योजना के लिए आर्थिक बंदोबस्त करने में लगेगा। बाद में ‘न्याय योजना’ ख़ुद ही तमाम सवालों में घिरी दिखी।
इसके अलावा एक और बात सामने आई थी कि इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा को मोबाइल चलाते भारतीय भी नहीं भाते, क्योंकि उनका कहना है कि मोबाइल चलाने वाला हर भारतीय बन्दर है।
यह कहना ग़लत नहीं होगा कि कॉन्ग्रेस और उनके चहेतों को मोदी राज में केवल ख़ामियाँ ही नज़र आती हैं। जबकि गाँधी-वाड्रा परिवार के अनेकों घोटाले अब सामने आ चुके हैं। भष्ट्राचार में लिप्त कॉन्ग्रेस का नाता देश में हुए लगभग हर घोटाले से है। बावजूद इसके पित्रोदा जैसे लोग जब कॉन्ग्रेस के बचाव में उतरतें हैं तो बड़ा अफ़सोस होता है। ऐसा करने से उनकी जिस इंटेलीजेंसी का पता चलता है, वो किसी से छिपी नहीं है।
अपनी धुर विरोधी पार्टी बीजेपी के ख़िलाफ़ कोई मुद्दा ना मिलता देख केवल इसी ताक में रहना कि कब मोदी क्या कह दें और उसे एक मौक़ा समझकर ये सारे लपक लें, और फिर शुरू हो जाए अनरगल बातों का दौर। मेरी नज़र में ये स्थिति बेहद हास्यास्पद है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को पप्पू न समझने के लिए पित्रोदा जैसे समझदार व्यक्ति को प्रेस कॉन्फ़्रेंस तक करनी पड़ गई, इसी से पता चलता है कि वाकई देश में ‘पप्पू’ की कमी नहीं है।