कॉन्ग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने 09 जून 2021 को भाजपा जॉइन कर ली। इसके बाद से नेताओं की राजनैतिक पार्टियाँ बदलने की प्रवृत्ति पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना कार्यकाल शुरू किया, तब से ही कॉन्ग्रेस समेत कई अन्य पार्टियों के नेता भाजपा में आ चुके हैं।
भाजपा में आने वाले नेताओं के कई मामलों में ऐसा भी देखने को मिला है कि ये नेता पहले तो निष्क्रिय थे लेकिन जब उन्होंने अपनी पार्टी छोड़ी तो उनकी वास्तविक प्रतिभा लोगों के सामने आ गई। ऐसा ही एक उदाहरण हेमंत बिस्वा सरमा हैं, जिन्होंने 2015 में कॉन्ग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की और आज वो असम के मुख्यमंत्री हैं। हालाँकि भारतीय राजनीति का यह कोई नया घटनाक्रम नहीं है। कई नेता अक्सर अपनी पार्टी बदलते रहते हैं या नई पार्टी बनाते हैं।
जितिन प्रसाद के भाजपा में आने के बाद से 1996 का नरेंद्र मोदी (तब न तो CM थे, ना ही PM) के इंटरव्यू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। यह वीडियो क्लिप 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान का इंटरव्यू का है। इस इंटरव्यू में पत्रकार ने नारायण राणे और नरेश अग्रवाल के भाजपा में आने पर नरेंद्र मोदी के विचार जानने का प्रयास किया था।
A reply from @narendramodi_in himself (from 1996) for the Sanghis/RWs disgruntled/miffed over Narayan Rane , #NareshAgarwal etc. joining BJP
— Neelang Dave (@neelang_dave) March 12, 2018
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विभीषण
पैंतरे
रणनीति
कांग्रेस (विपक्ष) टूट रही है@AmitShahOffice ji is just following his footsteps strategically pic.twitter.com/JJwr7xPLq7
पीएम मोदी, जो कि उस समय भाजपा के एक नेता थे, ने कहा था कि भाजपा युद्ध लड़ रही है और ऐसे युद्धों को जीतने के लिए विभीषणों की सहायता लेनी पड़ती है। नरेंद्र मोदी ने कहा था, “शुरुआत में हमारे कार्यकर्ता रुष्ट होते थे जब कोई दूसरी पार्टी का नेता भाजपा में आता था लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने समझा कि हमें एक लंबा युद्ध लड़ना है। इसलिए कभी-कभी विभीषणों की सहायता लेनी पड़ती है और हम लेते हैं।“
उन्होंने कहा था कि यह एक युद्ध की तरह है और हम भारत के नागरिकों को यह संदेश देना चाहते थे कि कॉन्ग्रेस टूट रही है और पराजित हो रही है। उन्होंने कहा, “हम यह बताना चाहते थे कि नेता कॉन्ग्रेस छोड़कर जा रहे हैं और हम इसमें कामयाब भी रहे। युद्ध में हमें कुछ निर्णय लेने पड़ते हैं और ये उनमें से यह एक है। यह हमारी रणनीति का एक हिस्सा है।“
इस इंटरव्यू के 25 साल बाद भी इस रणनीति ने भाजपा की बहुत सहायता की। भाजपा लगातार 2 लोकसभा चुनावों में न केवल सबसे बड़ी पार्टी बल्कि बहुमत हासिल करने में भी कामयाब रही। इस इंटरव्यू के 5 साल बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव भी जीता।