पंजाब में नए नवेले प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अध्यक्ष बनने के बाद से ही सिद्धू लगातार अपने समर्थकों और पंजाब में कॉन्ग्रेस विधायकों के साथ मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में अमृतसर में सिद्धू के घर पर 62 कॉन्ग्रेस विधायकों की उपस्थिति की सूचना मिल रही है और सबसे बड़ी बात है कि स्वर्ण मंदिर की अपनी यात्रा के लिए सिद्धू ने जहाँ 50 से अधिक विधायकों को निमंत्रण भेजा है, वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके निकटवर्ती सहयोगियों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बुधवार (21 जुलाई 2021) को सिद्धू के घर पर कॉन्ग्रेस के 62 विधायक उपस्थित रहे। कॉन्ग्रेस विधायक परगट सिंह ने बताया कि सिद्धू ने कॉन्ग्रेस के विधायकों को अपने घर पर नाश्ते के लिए बुलाया था। परगट सिंह ने यह भी कहा कि सिद्धू, कैप्टन (अमरिंदर सिंह) से माफी क्यों माँगे? परगट ने कहा कि सीएम कई मुद्दों को सुलझाने में असफल रहे हैं, ऐसे में माफी उन्हें (सीएम) माँगनी चाहिए।
Punjab Congress president Navjot Singh Sidhu calls party MLAs for breakfast at his residence in Amritsar.
— ANI (@ANI) July 21, 2021
Why should Sidhu apologise (to CM)? It’s not a public issue. CM has not solved many issues. In that case, he should also apologise to public: Congress MLA Pargat Singh. pic.twitter.com/ttK5WRkoRR
परगट सिंह का बयान कोई सामान्य बयान नहीं है क्योंकि पिछले कई दिनों से पंजाब कॉन्ग्रेस में शक्ति के केन्द्रीयकरण का मुद्दा गरमाया हुआ है। सिद्धू के घर में मौजूद सभी कॉन्ग्रेस विधायक सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने के लिए भी गए। सिद्धू ने कॉन्ग्रेस के सभी 77 विधायकों को उनके साथ स्वर्ण मंदिर जाने के निमंत्रण भेजा था। इनमें से 62 विधायकों ने उनके घर पर हाजिरी लगाई जबकि 15 विधायक नहीं आए। इसका राजनीतिक अर्थ यह हुआ कि ये 15 विधायक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास हैं, उनके समर्थक हैं।
सिद्धू के घर पहुँचे कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने भी सिद्धू के समर्थन में ही बयान दिया। रंधावा का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, सिद्धू से माफी मँगवाना चाहते हैं लेकिन जब उन्हें सिद्धू से माफी ही चाहिए थी तो यह बात हाईकमान के पास रखनी चाहिए थी। अब जबकि हाईकमान (राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी) ने सिद्धू को प्रदेश कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष बना ही दिया है तो यह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।
सिद्धू के साथ हरमिंदर गिल, सुनील दत्ती, सुरजीत धीमान, राजा बड़िंग, सुखजिन्दर सिंह रंधावा, हरजोत कमाल, दविंदर घुबाया, प्रीतम कोटभाई, परमिंदर पिंकी, बरिंदर जीत पहरा, सुखविंदर डैनी, राजिंदर बाजवा, अंगद सैनी, शेर सिंह घुबाया, संगत सिंह गिलजियाँ और परगट सिंह समेत कई अन्य विधायक शामिल रहे।
ज्ञात हो कि रविवार (18 जुलाई 2021) को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया। सिद्धू के अलावा 4 अन्य कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति भी की गई। इन 4 कार्यकारी अध्यक्षों में कुलजीत नागरा, पवन गोयल, सुखविंदर सिंह डैनी और संगत सिंह गिलजियां शामिल हैं। हालाँकि सिद्धू के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी सीएम अमरिंदर सिंह ने उन्हें बधाई तक नहीं दी और उनकी ओर से यह साफ कर दिया गया है कि जब तक सिद्धू, उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे तब तक वो सिद्धू से मुलाकात नहीं करेंगे। ऐसे में यह देखना हो गया कि एक प्रदेश का मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष के साथ कब तक बिना मुलाकात के रह सकता है और वो भी तब, जब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं।