Friday, April 19, 2024
Homeराजनीतिसंप्रदाय विशेष के लिए हो अलग निर्वाचन समूह, संसद में मिले आरक्षण: आकार पटेल...

संप्रदाय विशेष के लिए हो अलग निर्वाचन समूह, संसद में मिले आरक्षण: आकार पटेल की संविधान विरोधी माँग, जिन्ना का समर्थन

हिंदुओं के कत्लेआम के लिए 'डायरेक्ट एक्शन डे' की बात करने वाले मुहम्मद अली जिन्ना का बचाव करते हुए आकार पटेल ने कहा कि वो दक्षिणी मुंबई में रहने वाले गुजराती थे, जो आम भारतीयों से कहीं ज्यादा शहरी थे।

मानवतावादी संस्था के रूप में खुद को प्रचारित करने वाले ‘एमनेस्टी इंडिया’ के प्रमुख रह चुके आकार पटेल ने संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र की माँग की है। उन्होंने पाकिस्तान के स्थापना का भी बचाव किया और मुहम्मद अली जिन्ना के सिद्धांतों को आगे बढ़ाया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए अब संसद से लेकर अन्य प्रतिनिधित्व समूहों में अपने लिए अलग जगह माँगने का वक्त आ गया है।

आकार पटेल ने विभाजन के असली कारणों को छिपाते हुए दावा किया कि कॉन्ग्रेस ने संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए अनुपात के आधार पर प्रतिनिधित्व देने से इनकार कर दिया था, इसलिए पाकिस्तान का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि अब स्वतंत्र भारत ने जिन्ना के डर को सही साबित कर दिया है। साथ ही आकार पटेल संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए अलग इस्लामिक स्टेट की माँग करते हुए इसके लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराने से भी नहीं चूके।

उन्होंने आनुपातिक प्रतिनिधित्व की बात करते हुए कहा की हर एक जनप्रतिनिधियों के समूह में संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए एक निश्चित संख्या में सीटें आरक्षित होनी चाहिए। कुछ लोगों ने इसका अर्थ ये भी निकाला की सेना से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक में संप्रदाय विशेष के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये सबसे काम है जो हम संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र इस माँग को नहीं ठुकरा सकता, क्योंकि ये वैध है।

हिंदुओं के कत्लेआम के लिए ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की बात करने वाले मुहम्मद अली जिन्ना का बचाव करते हुए आकर पटेल ने कहा कि वो दक्षिणी मुंबई में रहने वाले गुजराती थे, जो आम भारतीयों से कहीं ज्यादा शहरी थे। नरेंद्र मोदी को संविधान के खिलाफ काम करने वाला प्रधानमंत्री कहने वाले आकार पटेल इस दौरान ये भी भूल गए कि वो जो कह रहे हैं, उसे संविधान सभा पहले ही ठुकरा चुका है।

मुहम्मद इस्माइल ने कहा था कि संप्रदाय विशेष के लोगों को जब तक अलग निर्वाचन क्षेत्र नहीं मिलता और उन्हें इस तरह का प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, तब तक उनके साथ न तो न्याय हो सकता है और न ही वो जगह मिल सकती है, जिसके लिए वो इच्छुक हैं। आरके सिधवा ने तब कहा था अगर वो अब भी ऐसा सोचते हैं तो फिर वो आज भी न सिर्फ टू नेशन थ्योरी में विश्वास रख रहे हैं, बल्कि सांप्रदायिकता को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

उन्होंने ये भी बताया था कि ये सिस्टम भारत में क्यों काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि छोटे देशों में ये चल सकता है, लेकिन यहाँ नहीं। ये एक ऐसा सिस्टम है जिसे बुद्धिजीवी वर्ग ही समझ सकता है। उन्होंने गिनाया था कि बेल्जियम और स्विट्जरलैंड में कुछ लाख ही जनसंख्या है, जबकि भारत में 40 करोड़ है और यहाँ के संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों में ही लाख तक जनसंख्या होती है।

यहाँ तक कि जवाहरलाल नेहरू भी इस तरह के आरक्षण के खिलाफ थे और उन्होंने कहा था कि एक लोकतंत्र में इस तरह की व्यवस्था इसके विरुद्ध ही हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब एक राजनीतिक लोकतंत्र में ऐसा किया जा रहा है तो इसका अर्थ है कि आप उस अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग कर रहे हो। उन्होंने कहा था कि इसका अर्थ यह हुआ कि उनमें हमारा विश्वास नहीं है।

आकार पटेल इससे कोरोना पीड़ित अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों के लिए नफ़रत फैला चुके हैं। पटेल के मुताबिक़ यह 3 हस्तियाँ साबित करती हैं कि ‘पैसे से क्लास नहीं आता।’ अपनी विकृत मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए आकार ने तीनों को ‘मिडिल क्लास ऑपोरच्युनिस्ट’ (मध्यमवर्गीय अवसरवादी) भी कहा था। कहा था कि यह छोटे ही रहने वाले हैं, इनकी मानसिकता कुएँ के मेढक जैसी ही है।’

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe