देश में लोकसभा चुनाव 2019 का अंतिम चरण अभी बाकी है और EVM में गड़बड़ी को लेकर सवाल अभी से खड़े हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और संजय सिंह EVM से छेड़छाड़ की शिकायत लेकर चुनाव आयोग की चौखट तक जा पहुँचे। उन्होंने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए बताया कि उन्हें EVM से छेड़छाड़ किए जाने के अलावा चुनाव से संबंधित दस्तावेज़ों से भी छेड़छाड़ किए जाने का डर है।
दरअसल, आप नेताओं की यह चिंता चुनाव अधिकारी की एक डायरी को लेकर है जिसमें उन्होंने 12 मई को EVM का नंबर और वोट की संख्या दर्ज की थी। ख़बर के अनुसार, 4 दिन बाद ही कुछ अफ़सरों को दोबारा डायरी बनाने के लिए कहा गया। यही वो वजह है जिसकी शिकायत करने राघव चड्ढा और संजय सिंह चुनाव आयोग के दफ़्तर पहुँच गए। इतना ही नहीं राघव चड्ढा ने EVM से छेड़छाड़ के अलावा उस जगह की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई जहाँ यह EVM और पोस्टल बैलेट रखे जाते हैं।
राघव के अनुसार, EVM का फॉर्म भरने के बाद कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन 3 विधानसभाओं में EVM के फॉर्म फिर से भरवाए गए। इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि स्ट्रॉन्ग रूम में EVM बंद होने के बाद अगर किसी तरह की कोई कार्यवाही की जाती है तो उसकी सूचना सबसे पहले प्रत्याशियों को दी जाती है। एक के बाद एक कई सवाल करते हुए राघव चड्ढा ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए।
इस पर यदि उनसे पूछे जाए कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उन्होंने तब सवाल क्यों नहीं खड़े किए थे, जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सर्वाधिक सीटें जीत कर दिल्ली में सरकार बनाई थी? अगर तब EVM में कोई गड़बड़ी नहीं थी और न ही उसकी सुरक्षा को लेकर मन में कोई सवाल था, तो अब क्यों?
राघव चड्ढा ने पूछा कि दक्षिणी दिल्ली लोकसभा की रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य अधिकारी उस कमरे को क्यों खोलते हैं जहाँ पोस्टल बैलेट रखा रहता है? 13 तारीख़ को स्टॉन्ग रूम सुबह 11 बजे बंद किया गया, आख़िर 6-7 घंटे EVM कहाँ रही। वहीं, आप नेता संजय सिंह ने भी चुनाव आयोग पर आरोप लगाया और पूछा कि EVM के साथ जो हो रहा है इस पर आयोग क्या कर रहा है? उन्होंने भी राघव चड्ढा की बातों का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग को ही कटघरे में रखा।
इससे पहले केजरीवाल का बयान आया था कि चुनाव के 48 घंटे पहले तक उन्हें ऐसा लग रहा था कि सातों सीटें आम आदमी पार्टी को जाएँगी, मगर आखिरी वक्त पर पूरे मजहबी वोट कॉन्ग्रेस की तरफ शिफ्ट हो गए।