रेड पिक्स यूट्यूब के संपादक फेलिक्स गेराल्ड को नई दिल्ली में तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसको लेकर नाम तमिलर काची (NTK) प्रमुख सीमन ने शनिवार (11 मई 2024) को पूछा कि क्या तमिलनाडु अभी भी एक लोकतांत्रिक राज्य है या यह फासीवादी राज्य बन गया है। सीमन ने कहा कि गेराल्ड के खिलाफ मामला और ‘सवुक्कू’ शंकर पर थोपे गए झूठे मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “जिस कार्यक्रम में शंकर ने आपत्तिजनक बयान दिए, उस कार्यक्रम के एंकर (फेलिक्स गेराल्ड) को गिरफ्तार करना कानून के खिलाफ है। गेस्ट द्वारा की गई टिप्पणी के लिए एंकर को गिरफ्तार करना अस्वीकार्य है। यह मीडिया की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ख़त्म करने जैसा है।”
Tamil Nadu police tracked a Youtuber all the way to Noida and arrested him. They are now taking him back by train. His crime? He interviewed a man who apparently said something that someone found objectionable.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) May 12, 2024
Nothing to worry. Democracy is alive and kicking in Tamil Nadu. pic.twitter.com/vpPG8928HY
सीमन ने कहा कि पुलिस के बारे में शंकर की टिप्पणी गलत और अस्वीकार्य थीं, लेकिन यूट्यूब या टेलीविजन चैनल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “क्या यह उन लोगों के लिए खुली धमकी नहीं है, जो द्रमुक सरकार के आलोचक हैं? क्या यह एक लोकतांत्रिक राज्य चला रहा है या फासीवादी?”
उन्होंने आगे कहा, “पूरे तमिलनाडु में नशीली दवाओं के प्रसार की अनुमति देने के बाद क्या यह और भी विश्वसनीय है जब पुलिस कहती है कि ‘सवुक्कु’ शंकर के वाहन में गांजा पाया गया था? जो व्यक्ति यह दावा करता रहा कि उसे किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है, क्या यह विश्वास करने योग्य है कि वह अपने वाहन में मादक पदार्थ ले जा रहा होगा?”
दरअसल, गेराल्ड को तमिलनाडु पुलिस ने उस वक्त दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया, जब वो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को एक याचिका देने के लिए दिल्ली आए हुए थे। इसमें उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु पुलिस ने एक समन जारी किया है, जिसमें 10 जून को पुलिस के संबंध में पेश होने के लिए कहा गया था। इस बीच तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, फेलिक्स गेराल्ड ने अपने यूट्यूब चैनल पर कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने सुवुक्कु शंकर को भी आमंत्रित किया था। इसी प्रोग्राम में सुव्वुकु ने तमिलनाडु पुलिस पर कुछ टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने सुव्वुकु को 4 मई को ही। पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोयम्बटूर जेल में रखा गया था, जहाँ उनके साथ मारपीट करने की घटना सामने आई थी।
वकील गोपालकृष्ण ने बताया है कि कोयम्बटूर सेन्ट्रल जेल के कर्मचारियों ने उनके मुवक्किल सुव्वुकु की आँखों पर पट्टी बाँध दी, उसके बाद उन्हें पीटा गया। हथियार के रूप में प्लास्टिक की पाइपों पर कपड़ा लपेट कर उनका इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने के बाद उनके दाएँ हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। उनके इलाज की व्यवस्था भी नहीं कराई गई।
पुलिस पर बदले की भावना से काम करने के आरोप हैं। सुव्वुकु को थेनि से गिरफ्तार किया गया था। उन पर महिला कॉन्स्टेबलों पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला दर्ज किया गया है। वो विजिलेंस डिपार्टमेंट में कार्यरत रहे हैं। उन्हें 2 शीर्ष अधिकारियों की बातचीत लीक करने के आरोप में 2008 में जेल भेजा गया था। मद्रास हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना के मामले में उन्हें 6 महीने की सज़ा सुनाई थी।