कॉन्ग्रेस नेता अलका लाम्बा ने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस ने 2002 में ही ‘दोनों को नाप दिया होता’ तो आज भारत को ये दिन नहीं देखने पड़ते। लोगों ने कहा कि वो पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बात कर रही हैं। बता दें कि 2002 की बात कर वे गुजरात दंगों का जिक्र कर रही थीं।
जब इन दंगों की जाँच चल रही थी और मोदी से सीबीआई ने घंटों पूछताछ की थी, तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि इस ट्वीट से पता चलता है कि कॉन्ग्रेस ने कोशिश तो ख़ूब की, पर सफल नहीं हुए।
अलका लाम्बा ने ट्वीट कर लिखा कि कॉन्ग्रेस से बहुत बड़ी ग़लती हुई। उन्होंने लिखा कि ‘दोनों’ आज सत्ता में फन फैला कर बैठे हैं, जो कॉन्ग्रेस द्वारा उन्हें तभी ‘न नाप देने’ का नतीजा है। मालवीय ने कहा कि लाम्बा ने देश को इस बात की जानकारी देकर अच्छा किया है कि कॉन्ग्रेस ने पूरी कोशिश की।
एक व्यक्ति ने उन्हें रिप्लाई करते हुए याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस ‘नापने’ में एक्सपर्ट रही है और ख़ुद के नेताओं को भी नहीं छोड़ती। जैसे लाल बहादुर शास्त्री, संजय गाँधी और माधवराव सिंधिया। एक ने कहा कि देश तो आनंद मना रहा है, खामियाजा तो आज कॉन्ग्रेस पार्टी भुगत रही है।
बाद में अलका लाम्बा ने अपने इस बयान का बचाव भी किया। उन्होंने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात करते हुए दावा किया कि कॉन्ग्रेस की कोशिशें कभी नाकाम नहीं होतीं। उन्होंने 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण की बात कर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की याद दिलाई।
उन्होंने कहा कि कड़वी सच्चाई ये है कि कोशिश ही नहीं हुई और कोशिश होती तो ज़रूर कामयाब होते, जिससे देश को आज ‘ये दिन’ नहीं देखने पड़ते। एक व्यक्ति ने अलका को याद दिलाया कि जिस पाकिस्तान का नाम लेकर वो राजनीतिक रोटी सेंक रही हैं, कॉन्ग्रेस के नेता पीएम मोदी को हटाने के लिए फिर उसी पाकिस्तान के पास चले गए।
कांग्रेस की कोशिशें कभी नाकाम नहीं होती:), 1971 में पाकिस्तान की 90,000 सेना को घुटनों के बल लाकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने विश्व को दिखा दिया था,
— Alka Lamba – अलका लाम्बा🇮🇳 (@LambaAlka) April 18, 2020
दुःख तो इस बात का है कि कोशिश हुई ही नहीं, कामयाब तो जरूर होते और आज देश को यह दिन ना देखने पड़ रहे होते.. कड़वी सच्चाई. https://t.co/j1Ktw62KGU
अलका लाम्बा इससे पहले भी पीएम मोदी की फोटो लगा कर भाजपा नेताओं को ‘संघ की नाजायज पैदाइश’ बता चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में पहलवान योगेश्वर दत्त के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने लिखा था, “अबे योगेश्वर दत्त, अपनी माँ से पूछ कि तेरा बाप कौन है? लगता है कि अपने बाप के साथ तस्वीर लगाने में भी तुझे शर्म आती है? ऐसा क्या? जिसके साथ तूने तस्वीर लगा रखी है, अगर तेरी माँ कहती है कि वही तुम्हारा बाप है तो मान जाना। ऐसा इसीलिए, क्योंकि तेरी माँ झूठ नहीं बोलती। यूँ ही दर्द नहीं हुआ है तुझे?”
जुलाई 2019 में भी उन्होंने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि जो पति न हुआ, वो पिता कैसे होगा? तब वो आम आदमी पार्टी में थीं।