तृणमूल कॉन्ग्रेस और सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) ने चुनाव आयोग से गुजारिश की है कि 2024 तक राष्ट्रीय पार्टी का उनका दर्जा बरकरार रखा जाए। दोनों दलों ने आयोग से कहा कि इस सम्बन्ध में कोई भी निर्णय 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाने के बाद ही लिए जाए।
हालिया लोकसभा चुनावों में ख़राब प्रदर्शन के बाद दोनों दलों को मिले ‘राष्ट्रीय पार्टी’ के दर्जे पर तलवार लटक रही है। इन दोनों दलों के अलावा शरद पवार की एनसीपी पर भी तलवार लटक रही है। 18 जुलाई को चुनाव आयोग ने इन तीनों पार्टियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि उनका ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा क्यों ख़त्म नहीं किया जाए? इन दलों से 5 अगस्त तक जवाब देने को कहा गया था।
चुनाव आयोग द्वारा तय मानकों के अनुसार नेशनल पार्टियों को कम से कम चार राज्यों में लोकसभा चुनाव में कम से कम 6% मत प्राप्त करने होते हैं। अगर कम से कम तीन राज्यों में कुल लोकसभा सीटों की संख्या का 2% प्राप्त होता है, तो भी नेशनल पार्टी का दर्जा बरकरार रहता है। अगर कोई पार्टी इन दोनों ही शर्तों को पूरा करने में नाकाम साबित होती है तो उसे स्टेट पार्टी का ही दर्जा मिलेगा। अगर किसी पार्टी को 4 अलग-अलग राज्यों में स्टेट पार्टी का दर्जा मिला हुआ है, तो भी वह नेशनल पार्टी कहलाएगी।
Is @ECISVEEP going to overlook the rules? People are keenly watching. @SpokespersonECI RT Allow us to retain national party status till after 2024 Lok Sabha polls: TMC, CPI to EC https://t.co/UwLloGTsOR
— All Hindus With Ayappa (@ChocolateLavaC1) August 7, 2019
तृणमूल कॉन्ग्रेस ने आयोग की नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि उसे नेशनल पार्टी का दर्जा 2016 में ही मिला है, अतः उसे कम से कम 2024 तक समय दिया जाना चाहिए। बसपा सहित कई अन्य दलों को रियायत देते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें नेशनल पार्टी का दर्जा बचाए रखने के लिए अतिरिक्त समय दिया था। अगर किसी पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन जाता है तो वह एक ही चुनाव चिह्न पर पूरे देश में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह जाती है।