Saturday, November 16, 2024
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‘मौलानाओं को ₹15000 वेतन और आँगनवाड़ी वर्कर के लिए पैसा नहीं’: केजरीवाल के घर के बाहर 17 दिन से प्रदर्शन, AAP कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ का आरोप

दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने इस पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कोरोना काल में आँगनवाड़ी की माताएँ-बहनें जनता को बचाने के लिए दिन-रात लगी रहीं, लेकिन इनकी सुनने के लिए केजरीवाल के पास ना वक्त है ना बजट है।

देश की राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) के आवास से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर आँगनवाड़ी वर्कर प्रदर्शन कर रही हैं। यह प्रदर्शन पिछले 17 दिनों से चल रहा है। आरोप है कि इन्हें गुलामों की काम कराया जाता है और तीन-तीन महीनों तक वेतन नहीं दिया जाता है। इन महिलाओं की माँग है कि उनकी सैलरी बढ़ाई जाए और पुराना बकाया भी क्लियर किया जाए। बता दें कि दिल्ली में इस समय लगभग 22 हजार आँगनवाड़ी महिलाएँ हैं।

आँगनवाड़ी वर्कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी नीतियों का चुनावी राज्यों पंजाब व गोवा में भी विरोध कर रही हैं। इनका कहना है कि एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं और दूसरी तरफ दिल्ली की महिलाएँ पिछले 17 दिनों से सड़क पर बैठकर अपना अधिकार माँग रही हैं, जिसकी आवाज मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के कानों तक नहीं पहुँच रही है।

महिलाओं का आरोप है दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब जाकर आँगनवाड़ी महिलाओं को लेकर झूठ बोल रहे हैं। 2017 के बाद से अभी तक एक पैसा दिल्ली सरकार ने आँगनवाड़ी महिलाओं का अपने मन से नहीं बढ़ाया। इसके लिए भी उन्हें धरना देना पड़ा था, जिसके बाद इनके वेतन में वृद्धि की गई। फिलहाल आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9,678 रुपए और सहायिकाओं को 4,839 रुपया मिलते हैं। 

इनका कहना है कि जब भी सरकार को काम कराना होता है तो आँगनवाड़ी वर्कर्स को आगे लाया जाता है और सैलरी बढ़ाने की माँग पर सरकार पीछे हट जाती है। अब जब तक उनका वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा, यह प्रदर्शन यूँ ही चलता रहेगा। इनकी माँग है कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाकर 25,000 हजार रुपए और सहायिकाओं का वेतन 20 हजार रुपए किया जाए। उनका कहना है कि अभी के वेतन में उन्हें घर-परिवार चलाने में काफी परेशानी हो रही है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि कोरोना के दौरान वे घर-घर जाकर लोगों को राशन दे रही थीं, प्राइमरी एजुकेशन दे रही हैं, लेकिन फिर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि कोरोना काल में उनसे खूब काम करवाया गया। जिन घरों में मौतें हो रही थीं, वहाँ पर सर्वे के लिए भेजा गया, लेकिन उन्हें न तो मास्क दिया गया और न ही सेनेटाइजर उपलब्ध करवाया गया था। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों की भी भूमिका निभाई।

दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने इस पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “दिल्ली में मौलवियों को हर महीने ₹15,000 की तनख्वाह देने के लिए केजरीवाल के पास बजट भी है, मगर पूरे कोरोना काल में आँगनवाड़ी की माताएँ-बहनें जनता को बचाने हेतु कोरोना टीकाकरण में दिन-रात लगी रहीं, लेकिन इनकी सुनने के लिए केजरीवाल के पास ना वक्त है ना बजट है।”

मामले में भाजपा सांसद ही नहीं कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी सीएम केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की माँगों का समर्थन किया। राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “दिल्ली सरकार जनता के दर्द को नहीं समझती। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हक की लड़ाई एकदम सही है। कोविड में अपनी जान की परवाह ना करते हुए इन्होंने जनसेवा की, लेकिन दिल्ली के CM ना तो उन्हें पर्याप्त वेतन दे रहे हैं, ना समय, ना सम्मान। नाम के आम आदमी!”

इधर आँगनवाड़ी कर्मियों के धरना-प्रदर्शन के बीच कुछ कर्मियों ने आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी कर दिया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी के कुछ लोगों ने इन महिलाओं के साथ दिल्ली स्थित जोहरीपुर में AAP दफ्तर के बाहर बदसलूकी की। 

मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को पत्र लिख जाँच करने और दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के लिए कहा है। इसके अलावा आयोग ने इस घटना पर क्या कार्यवाही की गई, उसकी रिपोर्ट 7 दिन में भेजने के लिए कहा है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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