Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाज'चीन से नहीं, तिब्बत से सीमा साझा करता है अरुणाचल प्रदेश; इस ऐतिहासिक तथ्य...

‘चीन से नहीं, तिब्बत से सीमा साझा करता है अरुणाचल प्रदेश; इस ऐतिहासिक तथ्य को कोई नहीं बदल सकता’

पेमा खांडू हमेशा से ही LAC को इंडो-तिब्बत बॉर्डर कहते आए हैं। यह पूछे जाने पर कि वह LAC को इंडो-तिब्बत बॉर्डर क्यों कहते हैं, उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश ने अपनी सीमा सिर्फ तिब्बत के साथ साझा करता है। यह ऐतिहासिक तथ्य है और इसे कोई बदल नहीं सकता। पूरी दुनिया जानती है कि चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया है।

चीन के साथ हालिया तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बड़ी बात कही है। उन्होंने द हिंदू को दिए साक्षात्कार में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश अपनी सीमा सिर्फ तिब्बत के साथ साझा करता है, चीन के साथ नहीं।

इस साक्षात्कार में उन्होंने फ्रंटियर हाइवे को लेकर मुख्य रूप से बात की है। उन्होंने कहा कि इस हाइवे के होने से युद्ध की स्थिति में सैनिकों को आवाजाही में दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने बताया है कि इस हाइवे का काम पहले धीमा था। लेकिन सशस्त्र बलों, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन और अन्य स्टेकहोल्डर एजेंसियों के एक साथ आने के कारण 1,100 किमी LAC के साथ हाईवे बनाने के कार्य को गति मिली है। 

गौरतलब है कि पेमा खांडू हमेशा से ही LAC को इंडो-तिब्बत बॉर्डर कहते आए हैं। यह पूछे जाने पर कि वह LAC को इंडो-तिब्बत बॉर्डर क्यों कहते हैं, उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश ने अपनी सीमा सिर्फ तिब्बत के साथ साझा करता है। यह ऐतिहासिक तथ्य है और इसे कोई बदल नहीं सकता। पूरी दुनिया जानती है कि चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई 1962 के संघर्षों को देखता है और निराधार दावे करता है तो उनके लिए अपनी मातृभूमि को बचाना अनिवार्य है। उनकी मानें तो सीमा के कई खंड वास्तव में दुर्गम हैं। यही कारण है कि वह 1,100 किमी एलएसी के साथ फ्रंटियर हाईवे को बढ़ावा देने में जुटे हैं, जिससे सैनिकों की आवाजाही तेज हो।

उन्होंने बताया कि यह हाईवे पहले कई एजेंसियों के कारण सही दिशा में नहीं था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है ताकि सेना, इंडो-तिब्बत पुलिस, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन और स्टेट एजेंसियों के पास इसकी क्वालिटी पर सोचने का समय हो। उन्होंने कहा कि पूर्वी हिमालय की नाजुक पारिस्थितियों के मद्देनजर कहना है कि इस बिंदु पर कॉर्डिनेशन बहुत ज्यादा जरूरी है।

मुख्यमंत्री के अनुसार भूस्खलन जैसे प्राकृतिक कारणों से यह प्रोजेक्ट काफी लागत वाला है। कई विदेशी फंडिंग एजेंसियाँ हैं जो कम ब्याज पर लोन देती हैं। इनसे भारत के कई राज्यों को फायदा हो रहा है। लेकिन चीन यह दावा करके कि अरुणाचल प्रदेश पर उसका अधिकार है लगातार फंड ब्लॉक करवा रहा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक चीन के हस्तक्षेप के कारण एशियन डेवलपमेंट बैंक और अन्य बैंक उन्हें लोन देने से मना कर चुके हैं। हालाँकि केंद्र सरकार उन्हें मदद मुहैया करवा रही है।

इंटरव्यू में सीएम खांडू ने सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की और बताया कि टूरिज्म उनके प्रदेश की ताकत है। इसको बढ़ावा देने के लिए अच्छी सड़कें चाहिए। इंवेस्ट इंडिया के तहत एक स्पेशल डेस्क अरुणाचल प्रदेश के लिए बनाने का उन्हें भरोसा दिलाया गया है।

साक्षात्कार में उन्होंने अनुसूचित जातियों और पर्यावरण पर भी बात की। उन्होंने बताया कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ओर से प्रदेश को कहा गया था कि यहाँ 50,000 मेगावाट हाइड्रोपावर प्रोड्यूस करने की क्षमता है जो औद्योगिक सपने को पूरा करने की जरूरत है, लेकिन उन्हें प्रकृति की चिंता है। उन्होंने कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को खत्म किया है जिन्हें सालों पहले साइन किया गया था, मगर वह सही नहीं थे या उनमें प्रोग्रेस नहीं हो रही थी। वह उन कार्यों पर अपना फोकस कर रहे हैं जो राज्य के लिए ठीक हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe