राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के अवसर पर भड़की हिंसा मामले पर प्रदेश मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार बता दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र को सामने आकर इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और घटना की निंदा करनी चाहिए।
अपने बयान में मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से गुहार लगाई कि वो सामने आकर इस मुद्दे पर बोलें। घटना से पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने न्याय व्यवस्था को बनाए रखने का काम पीएम मोदी का बताया है। उन्होंने मीडिया में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में जिम्मेदारी लेनी चाहिए और साम्प्रदायिक हिंसा की निंदा करनी चाहिए। चाहे हिंसा करने वाला कोई भी हो। उसकी निंदा हो। देश में कानून का राज स्थापित रहे। चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, अगर वो गैर सामाजिक तत्व है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। कानून का राज रहा तभी लोग सुरक्षित रहेंगे।”
Rajasthan CM Ashok Gehlot on Karoli violence
— Ashish (@aashishNRP) April 4, 2022
“PM should take responsibility and condemn recent communal violence in Rajasthan. It’s his duty to maintain law of the land” pic.twitter.com/8kW2Pk0mIm
करौली हिंसा में PFI की भूमिका
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ पर मुख्यमंत्री इस घटना के लिए भाजपा को और पीएम मोदी को जिम्मेदार बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इस हिंसा के पहले पीएफआई का एक पत्र सामने आया है जिसने इस हिंसा के सुनियोजित होने की आशंका को गहरा दिया है। इस पत्र में लिखा है, “दिनांक 2 से 4 अप्रैल तक राजस्थान के तमाम जिलों, तहसीलों और कस्बों में RSS और उनके अन्य संगठनों द्वारा हिन्दू नववर्ष के अवसर पर भगवा रैली आयोजित की जा रही है। इन रैलियों में धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारों को प्रतिबंधित करने, साम्प्रदायिक सौहार्द को बचाने, कानून-व्यवस्था को कायम रखने और इन आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करवाने की माँग की जाती है।”
BJP ने गहलोत सरकार पर लगाया इल्जाम
इस चिट्ठी के सामने आने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा करौली की जो घटना थी, इसमें शांतिपूर्ण तरीके से जूलूस निकल रहा था, आधे रास्ते के बाद पत्थर बरसाए गए और अब पीएफआई की जो चिटठी उजागर हुई, उससे यह लगता है, या तो राज्य सरकार की इंटेलिजेन्ट फेलियर था या सरकार को सारी जानकारी थी और वह चाहती थी कि इस तरीके की घटना घटे ताकि लोगों में भय पैदा हो।
भाजपा नेता पूनिया ने कहा कि जो तुष्टिकरण की नीति अशोक गहलोत अपनाते हैं उसमें उनको अपने वोट बैंक की फिक्र है, लेकिन बहुसंख्यक लोगों की सुरक्षा की कतई फिक्र नहीं है और पीएफआई की चिट्ठी के बाद यह उजागर होता है कि राज्य सरकार की मंशा खराब थी।
कॉन्ग्रेस नेता का पत्थरबाजी में नाम
इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा पर इल्जाम लगाने के बीच इस मामले में ये खबर भी आई है कि करौली हिंसा में कॉन्ग्रेस पार्षद मतलूब अहमद का हाथ था। उन्हें मुख्य साजिशकर्ता के रूप में चिह्नित किया गया है। उनके ऊपर पत्थरबाजी, हिंसा भड़ाना, भीड़ इकट्ठा करने का इल्जाम है। ये जानकारी करौली के भाजपा सांसद द्वारा कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाने के बाद सामने आई है। जहाँ उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस अपने लोगों को बचा रही है। कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पूरी प्लॉनिंग के साथ घटना को अंजाम दिया।” करौली धौलपुर के सांसद मनोज राजोरिया ने कहा कि इस मामले में पुलिस की ओर चयनात्मक कार्रवाई हो रही हैं। अगर पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की तो भाजपा जल्द आंदोलन करेगी।
करौली हिंसा पर भाजपा की कार्रवाई
इस घटना के संबंध में अब तक पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया है और 7 को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इनमें 13 को घटना के संबंध में गिरफ्तार किया गया है और 33 को कर्फ्यू के ऑर्डर उल्लंघन करने पर पकड़ा गया है। 7 लोगों से पूछताछ हो रही हैं। जाँच के बाद 21 दुपहिया बाइक और चार पहिया वाहन भी जब्त किए गए हैं। भाजपा पर ठीकरा फोड़ने से पहले राजस्थान सीएम ने रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों से एक मीटिंग की थी। शनिवार के इलाके में धारा 144 लगाई गई हैं।