केंद्र सरकार जब से अग्निपथ योजना (Aginipath Scheme) लाई है, तभी से विपक्ष ने ऐसा माहौल बनाया कि देशभर में इसके खिलाफ जमकर हिंसक प्रदर्शन हुए। इस योजना का सर्वाधिक विरोध बिहार में किया गया। कई ट्रेनों को जला दिया गया। लाखों-करोड़ों की संपत्तियों को जलाकर खाक कर दिया गया। इस बीच शुक्रवार (22 जुलाई 2022) को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने संसद में एक लिखित जबाव में बताया कि अग्निपथ के विरोध प्रदर्शनों के दौरान रेलवे (Indian Railway) को 259.44 करोड़ रुपए का भारी-भरकम नुकसान हुआ है।
रेल मंत्री के मुताबिक, केवल 14 से 22 जून तक रेलवे का संचालन ठप होने के कारण 102.96 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि, अग्निपथ स्कीम के विरोध के दौरान ही 260 करोड़ रुपए की सार्वजनिक संपत्तियों को खाक कर दिया गया। वहीं अगर बीते तीन साल यानि के साल 2019 से अब तक की बात की जाए तो रेलवे को कुल 1376 करोड़ का भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा है। इसमें 2019-20 में 151 करोड़ और 2020-21 में 904 व 2021-22 में 62 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में जानकारी दी कि अग्निपथ विरोधों के दौरान देशभर में कुल 2132 ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा था। वो भी केवल एक सप्ताह के अंदर। हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 2 लोगों की जान गई थी और 35 अन्य घायल भी हुए थे। जबकि 2642 उपद्रवियों को अरेस्ट किया गया था।
मालगाड़ी ने रेलवे को डूबने से बचाया
सदन में एम आरिफ के सवाल के लिखित जबाव में अश्विनी वैश्णव ने कहा कि यात्री ट्रेनों से ही रेलवे को सबसे अधिक घाटा होता है। वो तो मालगाड़ियों ने रेलवे को बचाए रखा था। अन्यथा इसका भट्ठा बैठ जाता। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि रेलवे यात्रियों से कुल यात्रा लागत का केवल आधा ही वसूल करता है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल से रेलवे की कमाई 2019-20 की तुलना में कम रही है।