कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच असम से एक बड़ी खबर आई है। यहाँ ऑल इंडिया यूनाइटिड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता अमिनुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया है। इस्लाम पर आरोप है कि उसने क्वारंटाइन सेंटर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की और उसे डिटेंशन सेंटर बताया।
दरअसल, ढिंग से विपक्षी विधायक अमिनुल इस्लाम ने क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया और उसे न केवल डिटेंशन सेंटर बताया बल्कि ये भी कहा कि वहाँ इंजेक्शन देकर लोगों को मारा जाता है।
पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने पीटीआई को बताया कि सोमवार को विधायक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद उसे आज सुबह गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने ये कार्रवाई AIUDF विधायक की विवादस्पद टिप्पणी पर की, जिसमें उसने क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर भ्रम फैलाया। महंत ने कहा कि अमीनुल इस्लाम पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आपराधिक साजिश रचने और समुदायों के बीच अप्रभाव फैलाने का मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा उसकी गिरफ्तारी की सूचना असम स्पीकर को दे दी गई है।
Probably #AminulIslam Dhing MLA of #Assam will be First MLA in India to be arrested under #DisasterManagementAct. He gave a telephonic interview where he is alleged to have said that #COVID19 Quarantine centres are actually detention centre & conspiracy to kill thru injection. pic.twitter.com/acNIh7gv9s
— Oxomiya🇮🇳 (@SouleFacts) April 7, 2020
कहा जा रहा है कि नगाँव पुलिस को टेलीफोन पर हुई बातचीत की एक ऑडियो क्लिप मिली थी। जिसमें इस्लाम अपने परिजनों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इस पूरे मामले को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश कर रहा था। उसने कोरोना वायरस के चलते असम सरकार पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ साजिश रचने का भी आरोप लगाया था।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस के पास पहुँची ऑडियो क्लिप में विधायक दावा कर रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर्स में लोग मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं, जबकि वास्तविकता में वे बिलकुल फिट और स्वस्थ हैं। इस्लाम का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर में निजामुद्दीन से लौटे लोगों का मेडिकल स्टाफ शोषण करता है। वे वहाँ स्वस्थ लोगों को इंजेक्शन देते हैं, ताकि वो बीमार हो जाएँ और कोरोना मरीज बन जाएँ।
यहाँ बता दें कि इससे पहले ढिंग विधायक ने निजामुद्दीन मरकज़ का भी बचाव किया था। इस दौरान इस्लाम का कहना था कि मरकज़ में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है और इस बीमारी के फैलने के पीछे मरकज़ का हाथ नहीं है। विवादित टिप्पणी करने पर AIUDF विधायक ने मीडिया पर भी आरोप लगाया था कि निजामुद्दीन मरकज़ पर झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। इससे पहले एक फेसबुक पोस्ट में उनका ये भी दावा था कि असम में आया पहला केस दिल्ली के मरकज़ भी नहीं गया था।