Thursday, November 14, 2024
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‘गुस्से में लोग नियंत्रण खो देते हैं, यह परिस्थितियों का नतीजा’ – पूर्व नौसेना अधिकारी पर हमला, शिवसेना ने ऐसे किया बचाव

"नौसेना अधिकारी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर जो कार्टून साझा किया, वह विवादास्पद था। शिवसैनिकों द्वारा किया गया हमला गुस्से और परिस्थितियों का नतीजा था।"

उद्धव ठाकरे पर कार्टून साझा करने वाले पूर्व नौसेना अधिकारी पर हुए हमले के मुद्दे पर बयानबाजी का दौर जारी है। शिवसेना ने शिवसैनिकों द्वारा पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा पर किए गए हमले पर बयान जारी किया है। बयान में उन्होंने हमले को गुस्से और हालातों का परिणाम बताया है। शनिवार (12 सितंबर 2020) को शिवसेना प्रवक्ता ने संगठन की ओर से बयान जारी करते हुए यह बात कही। 

संजय राउत ने अपने बयान में कहा, “महाराष्ट्र में क़ानून का राज है। क़ानून को हाथ में लेने वाले हर व्यक्ति पर कार्रवाई होगी। यह उद्धव सरकार की नीति है। नौसेना अधिकारी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर जो कार्टून साझा किया था, वह विवादास्पद था। शिवसैनिकों द्वारा किया गया हमला गुस्से और परिस्थितियों का नतीजा था। इस घटना के ठीक बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उचित कार्रवाई भी की गई।”

इसके बाद संजय राउत ने इस मुद्दे पर भाजपा की तरफ से आई प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उनके अनुसार ऐसी बातों पर दोनों तरफ से नियंत्रण होना चाहिए। अगर संवैधानिक पदों पर बैठे लोग जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल या मुख्यमंत्री की आलोचना होती है और उस आलोचना में अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अपमानजनक टिप्पणी की जाती है तो ऐसे में आम लोग अपना नियंत्रण खोने ही लगते हैं। सभी को ज़िम्मेदारी के साथ पेश आना चाहिए, विपक्ष को भी ध्यान रखना चाहिए कि राज्य में क़ानून व्यवस्था बनी रहे।

वहीं शनिवार को ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने इस घटना को ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ बताया था। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना अधिकारी मदन शर्मा का हाल पूछने के लिए उन्हें बुलाया था। नौसेना अधिकारी ने खुद पर हुए हमले के एक दिन बाद प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने माँग की थी कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिवसैनिकों द्वारा अंजाम दी गई इस घटना के लिए माफ़ी माँगनी चाहिए। 

अंत में उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार प्रदेश में क़ानून व्यवस्था नियंत्रित नहीं कर पा रही है। उनके परिवार ने भी कहा था कि वह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। एक वरिष्ठ नागरिक पर हमला किया गया है, पुलिस को पता होना चाहिए कि किन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

ज्ञात हो कि शुक्रवार की सुबह सबर्बन कांदीवाली आवासीय कॉम्प्लेक्स के पास पूर्व नौसेना अधिकारी पर शिवसैनिकों ने हमला किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपितों पर आईपीसी की धारा 325 के तहत मामला दर्ज किया था। हालाँकि शनिवार को उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।    

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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