महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के पास भले ही मुख्यमंत्री का पद हो, मगर दबदबा कॉन्ग्रेस का दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला दो त्योहारों से जुड़ा है। एक गणेशोत्सव और दूसरा बकरीद।
एक ओर जहाँ महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस मंत्री असलम शेख लगातार बकरीद पर मुस्लिम समुदाय को छूट दिलवाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ बैठक तक की बातें कर रहे हैं।
वहीं, सरकार ने गणेशोत्सव के लिए कई प्रतिबंधों के साथ निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों में सरकार ने गणेश प्रतिमा को घर लाने की छूट तो दी है है। मगर विसर्जन के लिए अगले साल का समय दिया है।
अभी हाल में हमने महाराष्ट्र में देखा था कि महामारी के बावजूद वहाँ एक मुस्लिम बहुल इलाके मुंब्रा में ईद उल फितर के मद्देनजर विशेष तौर पर राहत दी गई थी। उस समय महामारी का प्रकोप होने के बाद भी दुकानें खुली थीं और लोग सड़कों पर दिखे। लेकिन अब फिर खबर है कि कई नेता इस बकरीद पर भी छूट के साथ कुर्बानी करने की माँग कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने माँग की है कि ईद उल अदहा (बकरीद) मुस्लिमों का प्रमुख त्यौहार है। इसलिए कुछ शर्तों के साथ इसे भी मनाने की छूट दी जाए। बता दें कि 1 अगस्त को ईद उल अदहा पूरे देश में मनाया जाना है।
उल्लेखनीय है कि एक ओर जहाँ महाराष्ट्र में ईद उल अदहा को लेकर लगातार उद्धव सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। उसी बीच गणेशोत्सव को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। लोगों का पूछना है कि क्या ये निर्देश वाकई उचित हैं?
बता दें कि गणेशोत्सव के लिए जारी गाइडलाइन में महाराष्ट्र सरकार ने कई पाबंदियों के साथ गणेशोत्सव मनाने के निर्देश दिए हैं। इन गाइडलाइन्स में बताया गया है कि किसी भी मंडल को गणेशोत्सव के लिए पहले इजाजत लेनी होगी। इसके अलावा कहीं भी गणेश जी की प्रतिमा 4 फीट से ज्यादा नहीं होगी और घरों में लाई जाने वाली मूर्तियाँ भी 2 फीट की होनी चाहिए।
राज्य सरकार की गाइडलाइन में ये भी अपील की गई है कि लोग अपने घरों में किसी धातु की गणेश प्रतिमा लाएँ और उसका विसर्जन अगले साल या फिर फरवरी माह में करें। इसके अलावा जो लोग भी मिट्टी की प्रतिमा लाते हैं, वो अपने घर के पास स्थिति तालाब में गणेश विसर्जन कर दें।
Maharashtra: State Home Department has issued a circular making it mandatory for all ‘mandals’ to take prior permission from the concerned municipality or local authority, for #Ganeshotsav celebrations this year. Also, the maximum idol height has been capped at 4 feet. pic.twitter.com/2cAEbcn2ep
— ANI (@ANI) July 11, 2020
इन्हीं निर्देशों के बाद कॉन्ग्रेस नेता व पूर्व मंत्री आसिफ नसीम खान ने मुख्यमंत्री से अपील की है, “जैसे सरकार ने गणेशोत्सव मनाने की छूट दी है। वैसे ही हम अपील करते हैं कि उपयुक्त रोक के साथ मुस्लिम समुदाय को ईद उल अदहा मनाने की अनुमति दी जाए।” उन्होंने कहा है कि इस गुहार पर सीएम प्राथमिकता के साथ निर्णय लें ताकि मुस्लिम समुदाय अपना त्योहार मना पाए।
गौरतलब है कि इन दो त्यौहारों के मद्देनजर अब महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का ऐसे अलग-अलग रवैये पर पूछना है कि अगर कुर्बानी के लिए इजाजत मिल सकती है, तो फिर गणेशोत्सव बड़े स्तर पर मनाने की क्यों नहीं?
While @INCIndia is putting pressure for Bakri ID on @ShivSena
— Pratik Karpe (@CAPratikKarpe) July 14, 2020
CM @OfficeofUT HM @AnilDeshmukhNCP can you confirm if this advisory for Ganesh Festival is genuine ?
In point 4 are you trying to suggest that don’t bring Bhagwan Ganesh Idol home & postpone Visarjan to next year ? pic.twitter.com/57JnrlPLjF