बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल ढहने के बाद से विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को घेर रहा है। बिहार बीजेपी ने नीतीश के इस्तीफे की माँग की है। इस बीच, राजद नेता और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल, मीडियाकर्मियों ने वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव से भागलपुर और खगड़िया जिलों को जोड़ने के लिए अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के गिरने पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे के संबंध में उनसे सवाल पूछा, तो वह भड़क गए।
बिहार के वन व प्रयावरण मंत्री और लालू यादव के सुपुत्र तेजप्रताप यादव कह रहे हैं कि बीजेपी वालों ने पुल गिराया है। अब तेजु भैया बोले हैं तो कुछ सोच के ही बोले होंगे 😂 #BhagalpurBridgecollapse #Bihar pic.twitter.com/89FqUVIB1J
— Ashish Ranjan (@Aashishbihar) June 5, 2023
तेज प्रताप ने बीजेपी को पुल गिरने का जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा वाले ही पुल गिराते हैं। हम लोग बना रहे हैं और वो पुल गिरा रहे हैं।” दूसरी ओर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का कहना है कि पुल का 90 फीसदी काम बीजेपी के शासन में हुआ है। इसी तरह कॉन्ग्रेस के उदित राज ने भी पुल गिरने का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री ने इसे बनवाया था।
Political blame game erupts over the #BiharBridgeCollapse incident.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 6, 2023
'Hum log bana rahe hai, vo gira rahe hai…', RJD leader Tej Pratap blames BJP for the #Bhagalpur bridge collapse.
Listen to some more political reactions. pic.twitter.com/C9e0ORzKD9
इसको लेकर भाजपा नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि खगड़िया में निर्माणाधीन अगुवानी घाट-सुल्तानगंज पुल का एक हिस्सा ही केवल गंगा नदी में नहीं समाया है, बल्कि मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति भी गंगा में समा गई है। नीतीश कुमार के तथाकथित राज में यह कुशासन का ही तो खेल है कि हर जगह भ्रष्टाचार और घोटाला हावी है। इसका नतीजा इस पुल का गिरना भी है। मुख्यमंत्री पुल को गिरने पर अपनी चिंता व्यर्थ में व्यक्त कर रहे हैं। उन्हें तो तुरंत सीबीआई या हाईकोर्ट के सीटिंग जज से इसकी जाँच करानी चाहिए।
बता दें कि यह पुल रविवार (4, जून 2023) को एक बार फिर जमींदोज हो गया। इससे पहले, अप्रैल 2022 में भी पुल का एक हिस्सा ढह गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2014 में इस पुल का शिलान्यास किया था। अगुवानी-सुल्तागंज पुल के टूटने का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ। वीडियो में कुछ सेकंडों के भीतर पुल को धराशाई होकर गंगा नदी में गिरते हुए देखा जा सकता है।
पुल गिरने को लेकर नीतीश कुमार ने कहा था, “हमने इसे 2012 में बनाने का फैसला किया था। लेकिन 2014 में यह बनना शुरू हुआ, जिसको भी ठेका दिया है वह इतना लेट काम क्यों कर रहा है? 1 साल पहले जब यह पुल गिर गया था तब भी हमने कहा था। अब कल यह फिर गिर गया। इसलिए हमने विभाग के लोगों को कहा है कि देखिए और कार्रवाई कीजिए। ये कोई तरीका नहीं है। अब तक यह बन जाना चाहिए था। इतना देर क्यों हो रहा है? मुझे बहुत तकलीफ हुई है। इसे ठीक से नहीं बना रहा है, तभी ने यह बार-बार गिर जा रहा है।”