राहुल गाँधी की तथाकथित ‘भारत जोड़ो’ यात्रा एक बार फिर विवादों में घिर गई है। कर्नाटक नव निर्माण समिति समेत कई कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कॉन्ग्रेस और राहुल गाँधी को चेतावनी दी है। इन संगठनों ने कहा है किसी को भी कर्नाटक के झंडे का दुरुपयोग करने का अधिकार नहीं है। कॉन्ग्रेस इसमें राहुल गाँधी की फोटो लगा रही है यह बेहद शर्मनाक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार (2 अक्टूबर 2022) को मैसूर में राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का अयोजन किया गया था। इस यात्रा के दौरान कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के झंडों के साथ ही ‘कर्नाटक के झंडे’ भी लहराते हुए दिखाई दिए। इन झंडों में राहुल गाँधी की तस्वीरें छपी हुई थीं।
कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के इस कृत्य पर (झंडो में तस्वीर छापने पर) कन्नड़ समर्थक संगठनों ने माफी की माँग की है। दरअसल, अनौपचारिक रूप से पीले और लाल रंग की पट्टी को कर्नाटक का झंडा माना जाता है। इसे ही कन्नड़ और कर्नाटक का प्रतीक भी माना जाता है। कर्नाटक में वोट बैंक की राजनीति के चलते कॉन्ग्रेस ने इन्हीं झंडों में राहुल गाँधी की तस्वीर छाप दी थी।
इस मामले में, कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक का कहना है, “मैं कन्नड़ ध्वज पर फोटो छापने की निंदा करता हूँ। जब कॉन्ग्रेस नेता नेता सिद्धारमैया सत्ता में थे, उन्होंने कर्नाटक के ध्वज को बदल दिया था। उस समय सभी कन्नडिगों ने इसका विरोध किया था फिर उन्होंने इसे बदल दिया। अब, झंडे पर राहुल गाँधी की तस्वीर कॉन्ग्रेस के लिए शर्म की बात है।”
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक बीजेपी ने ट्वीट किया, “यह एक और उदाहरण है कि कॉन्ग्रेस कन्नड़ ध्वज के मुद्दे को सुलझने नहीं देगी। पहले वे झंडा बदलने गए। अब उन्होंने झंडे पर राहुल गाँधी की तस्वीर का इस्तेमाल किया है। कॉन्ग्रेस कन्नड़ लोगों से नफरत क्यों करती है?”