Saturday, November 16, 2024
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कोयला क्षेत्र में खत्म होगा सरकार का एकाधिकार, रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर बनेगा भारत: निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने इस दौरान प्राइवेटाइजेशन और कॉर्पोरेटाइजेशन के बीच का अंतर भी समझाया। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण होगा, निजीकरण नहीं। रक्षा उत्पाद में भी 'मेक इन इंडिया'के तहत आत्मनिर्भरता को बल दिया जाएगा। हथियारों की सूची बना कर उनके इम्पोर्ट पर बैन लगाया जाएगा और विदेशी निर्भरता में कमी लाई जाएगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (मई 16, 2020) को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में रोडमैप की घोषणा के तहत लगातार चौथे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टरों में कामकाज को पारदर्शी और स्पष्ट बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मतलब ये नहीं है कि भारत सबसे अलग हो जाएगा या सिर्फ़ अपने अंदर देखेगा, बल्कि इसका मतलब है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चुनौतियों को स्वीकार करेगा।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को कड़ी प्रतिस्पर्द्धा के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यूपीआई और जीएसटी से लेकर हर घर बिजली तक, पीएम मोदी को योजनाओं को लागू करने के लिए जाना जाता है। प्रत्येक विभाग में निवेश के लिए केंद्र बनेगा। जिससे पता चलेगा कौन सा राज्य निवेश को आकर्षित करने के लिए कितना प्रयास कर रहा है।

आज उन सेक्टरों पर जोर दिया गया, जो निवेश के नए मौके को जन्म दे रहे हैं और रोजगार भी पैदा कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने बताया कि कोयला उत्पादन के क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बनेगा। दुनिया में कोयला के खानों के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में आता है लेकिन फिर भी देश ने अपनी क्षमता का दोहन नहीं किया है। ओपन मार्किट में सेल से लेकर ज्यादा खनन तक, हर वो कार्य किया जाएगा जिससे इस फील्ड में ज्यादा लोग आएँ। आने वाले समय में खनन के लिए 50 नए ब्लॉक्स उपलब्ध कराए जाएँगे। अन्य खदानों का भी और खनन किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि अब तक 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 3376 इंडस्ट्रियल पार्क्स चिह्नित किए गए हैं। इनकी रैंकिंग जीआइएस टेक्नोलॉजी के जरिए होगी। 500 मिनरल्स माइनिंग ब्लॉक्स की नीलामी की जाएगी। कोयला खनन में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को बल दिया जाएगा। इसका लब्बोलुआब ये है कि कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार ख़त्म होगा। सबसे बड़ी बात कि इसमें भाग लेने वाले प्राइवेट प्लेयरों के लिए पात्रता की कोई बड़ी परिभाषा नहीं रहेगी। माइनिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर पर 50,000 करोड़ रुपए ख़र्च होंगे।

निर्मला सीतारमण ने इस दौरान प्राइवेटाइजेशन और कॉर्पोरेटाइजेशन के बीच का अंतर भी समझाया। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण होगा, निजीकरण नहीं। रक्षा उत्पाद में भी ‘मेक इन इंडिया’के तहत आत्मनिर्भरता को बल दिया जाएगा। हथियारों की सूची बना कर उनके इम्पोर्ट पर बैन लगाया जाएगा और विदेशी निर्भरता में कमी लाई जाएगी। इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे भारत में सेना के लिए साजोसामान बनाने वाली कम्पनियों को लाभ मिलेगा। जिससे आत्मनिर्भर भारत बनेगा।

सिविल एविएशन सेक्टर में भी बड़े क़दम उठाए जाएँगे। नागरिक विमानों के आवागमन में कम समय लगे, इसके लिए विमानन क्षेत्र में बदलाव किया जाएगा। इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा। हवाई अड्डों पर और अच्छी सुविधाएँ देने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से हवाई अड्डों को विश्व स्तर का बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिजली के क्षेत्र में उपभोक्ताओं के अधिकार पर बल दिया जाएगा।

लोड शेडिंग करने वालों को दंड देने का प्रावधान किया जाएगा। विद्युत् उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कम्पनियों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाया जाएगा। इसमें भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर के माध्यम से उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाएगी। केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा।

सामान्य बुनियादी सुविधाओं और कनेक्टिविटी के औद्योगिक क्लस्टर को बढ़ावा देने के लिए चैलेंज मोड के माध्यम से राज्यों में योजना लागू की जाएगी। फास्ट-ट्रैक निवेश के लिए सरकार नीतियों में सुधार लाएगी, निवेशकों और केंद्र/राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर निवेश योग्य परियोजनाओं के लिए प्रत्येक मंत्रालय में परियोजना विकास सैल तैयार किया जाएगा।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी बड़े सुधार किए जाएँगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इसरो ने भारत का माथा गर्व से ऊँचा किया ही है, साथ ही कुछ प्राइवेट प्लेयर भी इस मामले में अच्छा काम कर रहे हैं। सैटेलाईट लॉन्च से लेकर अंतरिक्ष सेवाएँ तक, प्राइवेट प्लेयरों की भागीदारी के बाद इसमें और उत्कृष्ट काम होगा, ऐसा वित्त मंत्री ने कहा। एटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र में भी पीपीपी मॉडल की भागीदारी होगी, जिससे कैंसर मरीजों का इलाज और सही से हो पाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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