मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर कॉन्ग्रेस के साथ ‘खेल’ हो गया है। यहाँ से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नाम ही वापस ले लिया और अब इंदौर में कॉन्ग्रेस लड़ाई से बाहर हो गई है।
बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टरी पहुँचकर कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नॉमिनेशन वापस लिया है। यह कॉन्ग्रेस के लिए बड़ा झटका है। बीजेपी ने इंदौर से शंकर लालवानी को उम्मीदवार बनाया है। बाद में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ अक्षय कांति बम कार में घूमते नजर आए और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही हैं।
यही नहीं, अक्षय कांति बम ने कॉन्ग्रेस को न सिर्फ झटका दिया, बल्कि पार्टी भी छोड़ दी और वो बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी दी है कि अब अक्षय कॉन्ग्रेस नहीं, बल्कि बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लिखा, “इंदौर से कॉन्ग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादन जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।”
जानकारी के मुताबिक, अक्षय कांति बम ने विधानसभा चुनाव में इंदौर की चार नंबर सीट से कॉन्ग्रेस की ओर से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन तब कॉन्ग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया और लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें मैदान में उतार दिया। कांति बम को कॉन्ग्रेस ने पहली बार उम्मीदवार बनाया था।
अक्षय कांति बम पेशे से कारोबारी हैं। नामांकन फॉर्म भरने के दौरान अक्षय कांति बम ने खुलासा किया था कि वह 14 लाख की घड़ी पहनते हैं। उनके पास पत्नी को मिलाकर करीब 87 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
मध्य प्रदेश की 29 में से 2 सीटों पर बीजेपी के सामने चुनौती खत्म
बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 29 विधानसभा सीटें हैं। इसमें से खजुराहो सीट को इंडी एलायंस के नाम पर समाजवादी पार्टी को दे दिया गया था, जिसपर सपा ने दो बार उम्मीदवारों के नाम बदले। हालाँकि बाद में सपा प्रत्याशी का नामांकन ही खारिज हो गया था। खजुराहो सीट पर बीजेपी के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है, वहीं, इंदौर में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जहाँ कॉन्ग्रेस उम्मीदवार ने अपना पर्चा ही वापस ले लिया। ये नामांकन के लिए नाम वापसी के आखिरी दिन किया गया, ऐसे में कॉन्ग्रेस के पास इंदौर में भी कोई कैंडिडेट नहीं बचा। इस तरह से 29 में से 2 सीटों पर बीजेपी को पहले ही बढ़त मिलती दिख रही है।