Thursday, November 21, 2024
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जिसे देखो वही पत्रकार मुस्लिम, UP मुरादाबाद (कुंदरकी) चुनाव की रिपोर्टिंग: भाजपा नेता शलभमणि त्रिपाठी ने बताया ‘मीडिया जिहाद’, जारी की नामों वाली सूची

इससे पहले जारी बहराइच वाली सूची में इंडिया टीवी से लेकर पीटीआई और ANI तक के पत्रकार मुस्लिम समुदाय से हैं। इस सूची में उन्होंने 13 प्रमुख पत्रकारों के नाम जारी किए थे। शलभ ने यह भी दावा किया था कि सूची के वायरल होने के बाद बहराइच के सूचना अधिकारी वारिस अली को शंट कर दिया गया था।

उत्तर प्रदेश भाजपा के नेता और देवरिया से विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने मुरादाबाद में सक्रिय पत्रकारों की एक सूची जारी की है। इस सूची में विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम कर रहे पत्रकारों के नाम लिखे गए हैं। खास बात ये है कि ये सभी पत्रकार मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। त्रिपाठी ने इस ‘मीडिया जिहाद’ के रूप में साझा किया है। इससे पहले उन्होंने बहराइच के पत्रकारों की सूची साझा की थी।

शलभमणि त्रिपाठी ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर इस सूची को जारी करते हुए लिखा, “कंटे छंटे वीडियो व तस्वीरों के जरिए यूपी उपचुनाव में जिस मुरादाबाद से सर्वाधिक झूठ फैलाया गया, वहाँ कवरेज कर रहे पत्रकारों की सूची भर देख लीजिए !! #मीडियाजिहाद।”

इस सूची में न्यूज 18, रिपब्लिक भारत जैसे मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर लोकल न्यूज पेपर एवं चैनलों के नाम दिए गए हैं। इसके अलावा, PTI और IANS जैसे न्यूज एजेंसी में भी एक समुदाय के पत्रकार हैं। इस सूची में कुल 32 पत्रकारों के नाम दिए गए हैं, जो सभी मुस्लिम समुदाय से हैं। इसके अलावा, इसमें ये भी कहा गया है कि मुरादाबाद में 100 से अधिक मुस्लिम यूट्यूबर सक्रिय हैं।

इससे पहले त्रिपाठी ने बहराइच के मुस्लिम पत्रकारों की सूची जारी की थी। इस सूची में भी मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर छोटे स्तर के मीडिया संस्थान में सभी मुस्लिम पत्रकार ही थे। यह सूच उन्होंने तब जारी की थी, जब बहराइच में दुर्गा पूजा के उपरांत प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हमला कर दिया गया था। इसके बाद दंगे भड़क उठे थे।

इस सूची को साझा करते हुए शलभ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, “बहराइच से ख़बरें भेज रहे पत्रकारों के नाम भर पढ़ लीजिये, समझ आ जाएगा कि ख़बरें कितनी निष्पक्ष व सच्ची हैं, यूट्यूबरों की जमात अलग से जुटी है, पूरा सिस्टम ही भिड़ा है दंगाइयों को बचाने में, झूठ फैलाने में !!”

इस दंगे में गोपाल मिश्रा नाम के एक शख्स की हत्या होने के बाद शलभ ने आगे लिखा था, “गोपाल मिश्रा का हरा झंडा उतारने का वीडियो तो सामने आया, परंतु उससे ठीक पहले उसी घर से दुर्गा प्रतिमा पर हमले, फ़ायरिंग, पथराव और फिर गोपाल मिश्रा की नृशंस हत्या का वीडियो क्यों ग़ायब कर दिया गया, इसका जवाब बहराइच के पत्रकारों की इस लिस्ट में छुपा है !!”

बहराइच वाली सूची में इंडिया टीवी से लेकर पीटीआई और ANI तक के पत्रकार मुस्लिम समुदाय से हैं। इस सूची में उन्होंने 13 प्रमुख पत्रकारों के नाम जारी किए थे। शलभ ने यह भी दावा किया था कि सूची के वायरल होने के बाद बहराइच के सूचना अधिकारी वारिस अली को शंट कर दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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