Friday, November 15, 2024
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‘राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को बर्खास्त करो’: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर BJP का तगड़ा प्रदर्शन, पूछा – विपक्षी नेता चुप क्यों?

उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल से लोकसभा सदस्य माला राज्यलक्ष्मी ने कहा कि हम राजस्थान में भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए यहाँ इकट्ठे हुए हैं।

भाजपा के सांसदों ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर तगड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। संसद भवन परिसर में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के नीचे भाजपा सांसदों ने प्रदर्शन किया। इसके अलावा राजस्थान में भी हर जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। सोमवार (24 जुलाई, 2023) को किए गए इस विरोध प्रदर्शन में माँग की गई कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को बर्खास्त किया जाए।

प्रदर्शनकारियों में अधिकतर भाजपा की सांसद थीं। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल से लोकसभा सदस्य माला राज्यलक्ष्मी ने कहा कि हम राजस्थान में भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए यहाँ इकट्ठे हुए हैं। वहीं राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी ने माँग की कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के आरोपों पर पद छोड़ देना चाहिए। 

उन्होंने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की बात करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में यह महिलाओं, विशेष रूप से दलितों और गरीबों के खिलाफ अत्याचार में नंबर एक राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने घटनाएँ गिनाते हुए कहा कि बलात्कार कर एक लड़की की हत्या कर दी गई, एम्बुलेंस के भीतर महिलाओं के अत्याचार हुआ और पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करने की एवज में घूस माँगते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सफल नहीं हुई है।

संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा सांसदों ने कहा कि मणिपुर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और कोई इसको जायज नहीं ठहरा सकता, लेकिन विपक्ष द्वारा इस मामले पर राजनीति करना दुःखद है। उन्होंने विपक्षी नेताओं के दोहरे चरित्र की बात करते हुए कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्यों में अपराध पर ये चुप रहते हैं। सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए काफी कुछ किया है – 12 से कम उम्र के बलात्कार के मामलों में मौत की सज़ा का कानून बनाया गया और फ़ास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना की गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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