देश आज 70वाँ सविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर मंगलवार (नवंबर 26, 2019) को लोकसभा के केंद्रीय हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मगर कॉन्ग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर सरकार की तरफ से बुलाए गए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। और साथ ही संसद परिसर में भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन भी किया।
अब कॉन्ग्रेस के इस रवैये पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद मलूक नागर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस को महाराष्ट्र के मुद्दे पर दिक्कत हो रही है। इसीलिए उन्हें बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है। लेकिन उनको शायद याद नहीं है कि राजस्थान में सहयोगी पार्टी होने के बावजूद बसपा के सभी विधायकों को उन्होंने तोड़ लिया था, तब उन्हें संविधान की याद नहीं आ रही थी।”
संविधान दिवस के दिन विपक्षी पार्टियों ने अंबेडकर मूर्ति के नीचे किया विरोध प्रदर्शन। इस बारे में क्या है पक्ष और विपक्ष की सोच? @siddharatha05 ने #ConstitutionDay पर बात की @ravikishann से और मलूक नागर से।
— आज तक (@aajtak) November 26, 2019
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दरअसल कुछ दिनों पहले ही राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायक कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसकी वजह से अशोक गहलोत सरकार को राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल हो गया था। कॉन्ग्रेस को इसी घटना की याद दिलाते हुए बसपा सांसद ने निशाने पर लिया।
संविधान दिवस पर संविधान शिल्पी बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर का केवल नाम जपते रहने से काम नहीं चलेगा क्योंकि यही छल कांग्रेस भी करती रही है बल्कि केन्द्र व राज्य सरकारों को संविधान की जनहिताय/जनकल्याण की सही मंशा के हिसाब से पूरी निष्ठा/ईमानदारी से काम करना होगा यही मेरी सलाह है।
— Mayawati (@Mayawati) November 26, 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कॉन्ग्रेस को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “संविधान दिवस पर संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर का केवल नाम जपते रहने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि यही छल कॉन्ग्रेस भी करती रही है। केन्द्र व राज्य सरकारों को संविधान की जनहित/जनकल्याण की सही मंशा के हिसाब से पूरी निष्ठा व ईमानदारी से काम करना होगा यही मेरी सलाह है।”
बता दें कि कॉन्ग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियाँ विरोध करते हुए संविधान की रक्षा को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। उनका आरोप है कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, इसलिए वो इसका विरोध कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और कॉन्ग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने विशेष सत्र का बहिष्कार करते हुए कहा कि भाजपा संविधान की हत्या कर रही है। कॉन्ग्रेस संविधान की हत्या करने वालों के साथ खड़ी नहीं हो सकती।