वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने छठी बार संसद में बजट पेश किया। ये मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट है। चूँकि ये सिर्फ 4 माह के लिए है, ऐसे में इसे अंतरिम बजट कहा जाएगा। इस बजट में सरकार ने सभी तबकों का ध्यान रखा है। खास बात ये है कि इस बजट पर चुनावी छाप और बड़े-बड़े वादों की जगह ठोस कामों को जगह मिली है, जो मोदी सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के आत्मविश्वास को दर्शाता है।
संसद के संयुक्त सत्र में निर्मला सीतारमण ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र और ‘सबका प्रयास’ के संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट में चार प्रमुख वर्गों यानी गरीब, महिलाएँ, युवा एवं अन्नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर फोकस रहा।
गरीब कल्याण, देश का कल्याण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की है, जो अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए, इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई। मोदी सरकार ने पीएम-स्वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को लोन उपलब्ध कराया। इसमें से 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार लोन दिया गया।
बजट में ‘अन्नदाता’ का कल्याण
मोदी सरकार 2.0 के आखिरी बजट में भी अन्नदाता के कल्याण की भावना दिखी। वित्तमंत्री ने बताया कि पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस दौरान पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराई गई। इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए की खरीद-फरोख्त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को फायदा मिला।
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 लोगों को लोन सुविधा प्राप्त करने में मदद मिली है।
वित्तमंत्री ने कहा कि अनेक दूसरे कार्यक्रमों के अलावा इन उपायों से ‘अन्नदाता’ को देश और पूरी दुनिया के लिए अन्न पैदा करने में सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए नि:शुल्क राशन के माध्यम से भोजन से जुड़ी चिंताओं को समाप्त कर दिया गया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के संबंध में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के लिए कार्यनीति तैयार की जाएगी। वित्तमंत्री ने कहा कि इसमें अधिक उपज देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान, आधुनिक कृषि तकनीकों को व्यापक पैमाने पर अपनाने, बाजार संपर्कों, खरीद, मूल्य-वर्धन और फसल बीमा को शामिल किया जाएगा।
नारी शक्ति पर जोर
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार का जोर नारी शक्ति के सशक्तिकरण पर है। वित्तमंत्री ने बताया कि 30 करोड़ मुद्रा योजना लोन महिला उद्यमियों को दिए गए। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ गया है। वहीं, स्टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
वित्तमंत्री ने बताया कि पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए। आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘तीन तलाक’ को गैर-कानूनी बनाने और लोक सभा एवं राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नाम पर या उन्हें संयुक्त मालिकों के रूप में 70 प्रतिशत से अधिक मकान उपलब्ध कराने के फलस्वरूप उनका आत्मसम्मान बढ़ा है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि लखपति दीदी के लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का फैसला किया गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनने के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिवेश में बदलाव ला रहे हैं। इनकी सफलता से पहले ही करीब एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने में मदद मिल चुकी है। वे दूसरों के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्हें सम्मान देकर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य बढ़ाया गया है।
इस दौरान उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचने और नारी शक्ति पर ध्यान केन्द्रित करते हुए सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए टीकाकरण का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि सरकार माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विभिन्न योजनाओं में तालमेल स्थापित करेगी। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु की बालिकाओं के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी पात्र श्रेणियों के बीच इस टीकाकरण को बढ़ावा देगी।
निर्मला सीतारमण ने सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया कि एक नया यू-विन प्लेटफॉर्म देशभर में तेजी से आरंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग टीकाकरण के प्रबंधन और मिशन इंद्रधनुष के तहत प्रयासों को आगे बढ़ाने में किया जाएगा।
आवास योजना शुरू करेगी मोदी सरकार
केंद्र की मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराने की घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के साथ-साथ किराए पर रहने वालों की मदद के लिए योजनाएँ शुरू करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के तहत 2 करोड़ और घर देगी।
सरकार के लक्ष्य को बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “कोविड के बावजूद हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 करोड़ घर बनाने का काम पूरा किया है। परिवारों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न आवास की माँग को पूरा करने के लिए अगले पाँच वर्षों में 2 करोड़ और घर बनाए जाएँगे।” इस बार घर बनाने के लिए आवंटित बजट में 1.35 प्रतिशत वृद्धि करके 80,671 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
एक करोड़ परिवारों के लिए सोलर सिस्टम
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में हरित विकास और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक निःशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
यह योजना अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन प्रधानमंत्री के लिए गए संकल्प के अनुसरण में लाई गई है। निःशुल्क सौर बिजली और बिजली वितरण कंपनियों को अधिशेष बिजली बेचने से परिवारों को हर वर्ष पंद्रह हजार से अठारह हजार रुपये की बचत होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 परिवर्तनकारी सुधार ला रही : निर्मला सीतारमण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अमृत पीढ़ी-युवा वर्ग को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारी समृद्धि युवाओं को पर्याप्त रूप से साधन संपन्न करने और उन्हें सशक्त बनाने पर निर्भर करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से परिवर्तनकारी सुधार लाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उदीयमान भारत के लिए पीएम स्कूल (पीएम श्री) में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई हो रही है और बच्चों का समग्र तथा चहुँमुखी विकास किया जा रहा है।
निर्मला सीतारमण ने स्किल इंडिया मिशन की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि इस मिशन के अंतर्गत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, 54 लाख युवाओं का कौशल सुधारा गया है तथा उन्हें दूसरे हुनर में कुशल बनाया गया है और 3000 नई आईटीआई स्थापित की गई हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना 18 व्यापारों में शामिल कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक मदद प्रदान कर रही है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि उच्चतर शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में नए संस्थानों के अंतर्गत 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
बजट 2024 रेलवे के लिए खास
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रेलवे वाले तीन नए रेल कॉरिडोर शुरू किए जाएँगे। इसके तहत ऊर्जा-खनिज-सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और अधिक पैसेंजर घनत्व वाले कॉरिडोर बनाए जाएँगे। इसके साथ ही पूरे देश में यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार किया जाएगा।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत परियोजनाओं की पहचान की गई है। माला-भाड़ा परियोजना को भी विकसित किया जाएगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि भारतीय रेलवे के 40000 सामान्य डिब्बों को वंदे भारत में बदल दिया जाएगा। इससे आम ट्रेनों में यात्रा करने वाले करोड़ों भारतीयों को फायदा होगा। ये नए डिब्बे देश के हर रूट और हर ट्रेन में लगाए जाएँगे।
बुनियादी ढाँचा पर अब तक का सबसे बड़ा निवेश
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए पूँजीगत व्यय, 2023-24 के संशोधित अनुमान और 2024-25 के बजट अनुमानों की रूपरेखा पेश की। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए पूँजीगत व्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पिछले चार वर्षों में पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) को तीन गुना बढ़ा देने से देश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।
संशोधित अनुमान 2023-24
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है, जिनमें 23.24 लाख करोड़ रुपए की कर प्राप्तियाँ हैं। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।”
उन्होंने राजस्व प्राप्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के बजट अनुमान से अधिक रहने की आशा है, जो आर्थिक विकास की तेज गति और अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में कुछ कमी होने के बावजूद राजकोषीय घाटा का संशोधित अनुमान जीडीपी का 5.8 प्रतिशत रहा है, जो कि बजट अनुमान से बेहतर है।
बजट अनुमान 2024-25
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वर्ष 2024-25 में उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियाँ 30.80 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है और कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। इसी तरह कर प्राप्तियाँ 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है।
इसके अलावा, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “पूँजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना इस वर्ष जारी रखी जाएगी और कुल परिव्यय 1.3 लाख करोड़ रुपए का होगा।” राजकोषीय घाटे पर उन्होंने कहा, “राजकोषीय घाटा वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।”
राजकोषीय सुदृढी़करण के मार्ग पर अडिग रहने, जैसा कि वर्ष 2021-22 के उनके केन्द्रीय बजट भाषण में कहा गया था, की बात कहते हुए उन्होंने इसे वर्ष 2025-26 तक घटाकर जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का उल्लेख किया।
इस दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए सकल और शुद्ध बाजार उधारियाँ क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है। निजी निवेश में वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “केन्द्र सरकार की उधारियाँ कम रहने से निजी क्षेत्र के लिए कर्ज की उपलब्धता बढ़ जाएगी।”
भारत की जीडीपी 7.3 की दर से बढ़ेगी
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान, जिसे वित्त मंत्री के भाषण के साथ पेश किया गया, के अनुसार भारत में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही यह आरबीआई (दिसंबर 2023 में आयोजित इसकी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में) द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकास अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर देने के अनुरूप भी है। यह वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में दर्ज की गई दमदार विकास पर आधारित है।
संसद में वित्तमंत्री ने बताया कि देश में एफडीआई प्रवाह वर्ष 2014-2023 के दौरान 596 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो वर्ष 2005-2014 के दौरान हुए एफडीआई प्रवाह का दोगुना है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि देश में विदेशी निवेश को निरंतर प्रोत्साहित करने के लिए हम ‘पहले भारत को विकसित करो’ की भावना के तहत अपने विदेशी साझेदारों के साथ द्विपक्षीय निवेश समझौतों पर बात कर रहे हैं।
संसद में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पूरी दृढ़ता के साथ चार प्रमुख जातियों पर भरोसा करते हैं और इसके साथ ही इन पर फोकस करते हैं। चार प्रमुख जातियाँ ये हैं- गरीब, महिलाएँ, युवा और अन्नदाता। उन्होंने कहा कि इन सभी की जरूरतें, उनकी आकांक्षाएँ, उनका कल्याण करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि जब वे तरक्की करते हैं, तो देश तरक्की करता है।
निर्मला सीतारमण ने पिछले 10 वर्षों में चलाए गए विकास संबंधी कार्यक्रमों ‘सभी के लिए आवास’, ‘हर घर जल’, ‘सभी के लिए बिजली’, ‘सभी के लिए रसोई गैस’, ‘सभी के लिए बैंक खाते एवं वित्तीय सेवाओं’ की बात करते हुए बताया कि इनके जरिए रिकॉर्ड समय में हर परिवार एवं व्यक्ति को लक्षित किया गया है।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करों (टैक्स) में बदलाव की कोई योजना नहीं है। कराधान में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री ने स्टार्टअप और सॉवरेन वेल्थ या पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश के लिए कुछ कर लाभ तथा कुछ आईएफएससी इकाईयों की आय पर कर छूट की समय सीमा 31.03.2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप जीवन की सुगमता और व्यापार करने में आसानी के लिए कर सेवा सुविधा में सुधारों की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया है कि वित्तीय वर्ष 2009-10 तक की अवधि से संबंधित 25,000 रुपए तक और वर्ष 2010-11 से 2014-15 से संबंधित 10,000 तक की ऐसी बकाया प्रत्यक्ष कर माँगों को वापस लेने का प्रस्ताव किया है, इससे लगभग एक करोड़ करदाता लाभांवित होंगे। वित्तमंत्री ने बताया कि बीते 10 साल के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह तिगुना हो गया है। वहीं, आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ चुकी है।
श्वेत पत्र जारी करेगी मोदी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 में जब उनकी सरकार ने बागडोर संभाली थी, तब अर्थव्यवस्था को चरण-दर-चरण दुरुस्त करने और शासन प्रणाली को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त की माँग थी कि लोगों की उम्मीदें जगें, निवेश आकर्षित किया जाए और अति आवश्यक सुधार के लिए समर्थन जुटाया जाए। सरकार ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के मजबूत विश्वास के साथ इसे सफलतापूर्वक हासिल किया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि उन वर्षों का संकट दूर कर दिया गया है और अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ एक उच्च सतत विकास मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार ‘वर्ष 2014 तक हम कहाँ थे और अब कहाँ हैं’ विषय पर श्वेत पत्र के साथ आगे आएगी, जिसका केवल एक ही उद्देश्य है कि उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखा जा सके।