संदेशखाली मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकारा। मामले तो बेहद शर्मनाक बताते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य में नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है जो इसकी जिम्मेदारी सारी राज्य सरकार की है।
कोर्ट ने कहा, “संदेशखाली में जो हुआ अगर उसमें 1 फीसदी भी सच्चाई है तो ये बेहद शर्मनाक है क्योंकि बंगाल सांख्यिकी रिपोर्ट में खुद को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य बताने का दावा करता है।”
कोर्ट ने कहा, “संदेशखाली में जो हुआ उसके लिए पूरा जिला प्रशासन और सत्तारूढ़ दल को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यदि किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो 100% जिम्मेदारी सत्तारूढ़ दल की है; इसमें भी सरकार जिम्मेदार है।”
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है। इस दौरान वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कोर्ट को बताया कि उन्हें संदेशखाली में कई शिकायतें मिली हैं। इतने सारे लोग आए। लेकिन ये कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने बताया, “मैं हलफनामा रिकॉर्ड में रख रही हूँ। मैं उनके नामों का उल्लेख नहीं कर रही हूँ, अन्यथा वे लोग खतरे में पड़ जाएँगे। एक महिला थी जो अपने पिता से मिलने गई थी। लौटी तो उसकी जमीन हड़प ली और उसे ले जाकर उससे रेप हुआ।”
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, टिबरेवाला ने बताया, “यहाँ ज्यादातर पीड़िताएँ अनपढ़ हैं। ई-मेल तो भूल जाइए, वो खत भी नहीं लिख सकती हैं। हमारे पास 500 से ज्यादा महिलाओं ने सेक्शुअल असॉल्ट की शिकायत की है। हमारे पास एफिडेविट हैं, जिनमें कहा गया है कि केवल एक शाहजहाँ गिरफ्तार हुआ है। उसके 1000 साथी गाँव में घूम रहे हैं और शाहजहाँ के खिलाफ बयानबाजी ना करने के लिए धमका रहे हैं। ये लोग कह रहे हैं कि अगर महिलाओं ने बयान दिया तो उनके पति-बच्चों का सिर काटकर फुटबॉल खेलेंगे।”
मुख्य न्यायाधीश ने इस केस की सुनवाई के दौरान जहाँ बंगाल सरकार को फटकारा तो वहीं शेख शाहजहाँ के वकील को भी डाँट लगाई। उन्होंने केस में आरोपों के जाँच की माँग की थी। मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम ने कहा, “आप एक ऐसे आरोपित की ओर से पेश हो रहे हैं जिसकी जाँच चल रही है। आप पहले अपने आसपास के अंधकार को दूर करें, फिर अपनी शिकायत व्यक्त करें।”