उत्तर प्रदेश में बसों को भेजने के मामले के कारण विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में आगरा जिले के नजदीक बॉर्डर पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे, जहाँ से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अजय कुमार लल्लू के खिलाफ लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 420/467/468 के अंतर्गत दर्ज कराया गया है।
Ladies and Gentlemen,
— Saral Patel (@SaralPatel) May 19, 2020
Helping poor, Migrant workers and Labourers is now crime in ‘New-India’. #आदित्यनाथ_का_अत्याचार pic.twitter.com/irOzvTjlor
अजय कुमार लल्लू को हिरासत में लिए जाने के बाद कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा –
“यूपी सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई-बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाओं को सामने रख दिया। योगी जी इन बसों पर आप चाहें तो बीजेपी का बैनर लगवा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगवा दीजिए लेकिन हमारे सेवाभाव को मत ठुकराइए। इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन बर्बाद हो चुके हैं। इन तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।”
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गाँधी ने लिखा – “उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पाईं गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुँच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए।”
प्रियंका गाँधी ने कहा- “हम आपको कल 200 बसें की नई सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जाँच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं। दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।”
उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों को मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएँ सामने रख दिए। @myogiadityanath जी इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव..1/2 pic.twitter.com/4SW3cax2H5
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2020
कॉन्ग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की हकीकत
वहीं, कॉन्ग्रेस द्वारा जिन बसों को भेजने का दावा किया जा रहा है उनकी वास्तविकता यह है कि इसमें 31 ऑटो, 69 एम्बुलेंस/ट्रक व दूसरे वाहन हैं जबकि, 70 वाहनों के बारे में सरकारी रिकॉर्ड में कोई डाटा ही नहीं हैं या अवैध हैं। वहीं, 297 वाहनों के बीमा और फिटनेस नहीं है।