उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (13 नवंबर 2021) को आजमगढ़ में स्टेट यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के मौके पर ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद अब प्रदेश में एक और जिले का नाम बदलने के कयास लगाए जाने लगे हैं। सीएम योगी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के बनने के बाद आजमगढ़ को ‘आर्यमगढ़’ बनने से कोई नहीं रोक पाएगा और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक वक्त ऐसा भी था, जब आजमगढ़ में वंदेमातरम गाने पर हत्या कर दी जाती थी, लेकिन अब यहाँ कोई ऐसा करने का साहस नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि 2017 और 2014 से पहले आजमगढ़ का रहने वाला व्यक्ति कहीं जाता था तो लोग उसे किराए पर कमरा तक नहीं देते थे। उनके सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था। सीएम योगी ने आगे कहा, “यह विश्वविद्यालय, जिसकी आज आधारशिला रखी जा रही है, आजमगढ़ को सचमुच आर्यमगढ़ बना ही देगा। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।”
ये विश्वविद्यालय जिसकी आज आधारशिला रखी जा रही है। यह विश्वविद्यालय आज़मगढ़ को सचमुच आर्यमगढ़ बना ही देगा, इसमें कोई संदेह होना ही नहीं चाहिए: आज़मगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/n9lIeMnuYf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2021
उन्होंने साल 2007 का जिक्र करते हुए कहा कि इसी आजमगढ़ में अजीत राय की हत्या केवल इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वे एबीवीपी के कार्यकर्ता थे। इसी आजमगढ़ में उन पर (सीएम योगी पर) हमला हुआ था। उन्होंने कहा, “आपको ये समझना होगा कि आपके सामने पहचान का संकट खड़े करने वाले ये वही लोग थे, जो जाति के नाम पर लोगों को बाँटते थे और अपने परिवार के लिए (धन) बटोरते थे।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल की रीढ़ करार देते हुए सीएम योगी ने कहा, “मुझे याद है जब इस सरकार का गठन हो रहा था तो माननीय अमित शाह ने कहा था कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को ऐसे बनाएँ कि ये आजमगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की रीढ़ बन जाए। आज यह एक्सप्रेस वे आपके विकास की धुरी बना हुआ है। आजमगढ़ में एयरपोर्ट बन रहा है, जिसका लगभग 95 फीसदी पूरा हो चुका है।”
नौकरियों का किया जिक्र
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भाषण के दौरान बताया कि आज प्रदेश के अंदर 4.5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और लगभग 3 लाख नौजवानों को संविदा के आधार पर नौकरी दी गई है। इस तरह साढ़े सात लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है।